काम-काज छोड़ पशु पकड़ने में जुटे कर्मचारी
मुख्यमंत्री ने आवारा पशुओं को दस जनवरी तक पकड़वाकर गोशाला में पहुंचा रहे हैं।
शाहजहांपुर : मुख्यमंत्री ने आवारा पशुओं को दस जनवरी तक पकड़वाकर गोशाला में पहुंचाने के निर्देश दिए थे। लेकिन शहर में अभी तक पशु पकड़वाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। पहले मामले को गंभीरता से न लेने की वजह से अब कर्मचारी काम-काज छोड़कर सिर्फ पशुओं को ही पड़ने में जुट गए है ताकि कार्रवाई से बचा जा सके। हालांकि जब शुक्रवार को गांधी भवन प्रेक्षागृह में कुछ कर्मचारी आवारा पशुओं को पकड़ने भी गए तो वह भी आधी अधूरी तैयारी के साथ जिस वजह से एक बच्चे को भी पशुओं ने घायल कर दिया। यहीं नहीं कर्मचारी भी बाल-बाल बच गए। शहर में सबसे अधिक आवारा पशु कोतवाली क्षेत्र में घूम रहे है। जिला अस्पताल परिसर में भी पशुओं का जमावाड़ा लगा रहता है। जिस पर डीएम कई बार नाराजगी भी जता चुके है। --------
सिर्फ चिन्हित हो पाए पशु
दस जनवरी तक पशुओं को पकड़ने की तिथि निर्धारित की गई थी लेकिन नगर निगम प्रशासन दस जनवरी तक सिर्फ पशुओं को चिन्हित कर पाया है। टीम ने अभी तक 353 पशु ही चिन्हित कर पाये है। -----
अनुभव का अभाव
नगर निगम प्रशासन के पास पशुओं को पकड़ने के लिए अनुभवी कर्मचारियों का अभाव है। जिस वजह से डीएम अमृत त्रिपाठी ने इस मामले में डीएफओ से निगम का सहयोग करने के लिए कहा है। शुक्रवार को वन विभाग के कर्मचारियों के आने के बाद ही नगर निगम ने पशुओं को पकड़ने का प्रयास किया। जिसमे सिर्फ दो आवारा पशुओं को ही पकड़ने में कामयाब हो सके। जिन्हें कांट स्थित गोशाला में भेजा गया है। ----
नहीं बना पाये गोशाला
नगर निगम प्रशासन अभी तक स्थाई रूप से गोशाला बनाने में कामयाब नहीं हो पाया है। हालांकि शहबाजनगर, रोजा क्षेत्र में गोशाला का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है।