Move to Jagran APP

प्राइवेट कमरों में जूनियर डॉक्टरों का 'बसेरा'

जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए 18 प्राइवेट कमरे बनाए गए हैं लेकिन इनमें जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर रह रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 11:46 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 11:46 PM (IST)
प्राइवेट कमरों में जूनियर डॉक्टरों का 'बसेरा'
प्राइवेट कमरों में जूनियर डॉक्टरों का 'बसेरा'

जेएनएन, शाहजहांपुर: जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए 18 प्राइवेट कमरे बनाए गए हैं, लेकिन इनमें जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर रह रहे हैं। जिससे न ही इसका मरीज लाभ ले पा रहे, बल्कि राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।

prime article banner

प्राचार्य अभय सिन्हा की अनुमति पर जिला अस्पताल के प्राइवेट कमरों में करीब नौ माह से जूनियर डॉक्टर रह रहे हैं। इसका एक दिन का किराया डेढ़ सौ रुपये है। पहले ज्यादातर प्राइवेट रूम मरीजों से फुल रहते थे। ऐसे में नौ माह में अस्पताल के राजस्व को नुकसान पहुंचा है। शिकायत के बाद भी जूनियर डॉक्टर हो यहां नहीं निकाला गया। जबकि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के लिए आवासीय कॉलोनी बनकर तैयार हो गई है।

--------

वर्जन: प्राइवेट रूम अक्सर खाली पड़े रहते थे। रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए ठहरने की व्यवस्था नहीं थी। इसलिए उनको यहां ठहरा दिया गया है। आवासीय कॉलोनी बनकर तैयार हो तो उनको वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा।

अभय सिन्हा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.