प्राइवेट कमरों में जूनियर डॉक्टरों का 'बसेरा'
जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए 18 प्राइवेट कमरे बनाए गए हैं लेकिन इनमें जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर रह रहे हैं।
जेएनएन, शाहजहांपुर: जिला अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने के लिए 18 प्राइवेट कमरे बनाए गए हैं, लेकिन इनमें जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर रह रहे हैं। जिससे न ही इसका मरीज लाभ ले पा रहे, बल्कि राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।
प्राचार्य अभय सिन्हा की अनुमति पर जिला अस्पताल के प्राइवेट कमरों में करीब नौ माह से जूनियर डॉक्टर रह रहे हैं। इसका एक दिन का किराया डेढ़ सौ रुपये है। पहले ज्यादातर प्राइवेट रूम मरीजों से फुल रहते थे। ऐसे में नौ माह में अस्पताल के राजस्व को नुकसान पहुंचा है। शिकायत के बाद भी जूनियर डॉक्टर हो यहां नहीं निकाला गया। जबकि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के लिए आवासीय कॉलोनी बनकर तैयार हो गई है।
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वर्जन: प्राइवेट रूम अक्सर खाली पड़े रहते थे। रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए ठहरने की व्यवस्था नहीं थी। इसलिए उनको यहां ठहरा दिया गया है। आवासीय कॉलोनी बनकर तैयार हो तो उनको वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा।
अभय सिन्हा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज