राहगीरों को जाम में फंसाकर छुट्टी मनाने गया स्टाफ
11 साल में बरेली-सीतापुर फोरलेन का काम पूरा न करा पाने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अफसरों ने खुद आंखें मूंदी और राहगीरों को जाम में फंसा दिया। हुलासनगरा पर एप्रोच रोड का काम अधूरा छोड़ा और फतेहगंज पूर्वी में पुल सर्विस लेन पर बैरियर लगाकर कार्यदायी संस्था का स्टाफ छुट्टी पर चला गया।
जेएनएन, शाहजहांपुर: 11 साल में बरेली-सीतापुर फोरलेन का काम पूरा न करा पाने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अफसरों ने खुद आंखें मूंदी और राहगीरों को जाम में फंसा दिया। हुलासनगरा पर एप्रोच रोड का काम अधूरा छोड़ा और फतेहगंज पूर्वी में पुल, सर्विस लेन पर बैरियर लगाकर कार्यदायी संस्था का स्टाफ छुट्टी पर चला गया। नतीजन, पांच दिन से लग रहा जाम शनिवार को और ज्यादा विकराल हो गया।
हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग पर पुल का निर्माण अधूरा पड़ा है। निर्माण सामग्री बिखरी पड़ी होने से रास्ता पहले ही संकरा हो गया था, इस बीच बिना वैकल्पिक रास्ता दिए बिना एप्रोच रोड भी बनाई जाने लगी। शनिवार को कार्यदायी संस्था पीआरएल का स्टाफ निर्माण सामग्री अधूरी सड़क किनारे छोड़कर होली की छुट्टी मनाने चला गया, जिसके बाद सुबह से ही वाहन जाम में फंसने लगे। रेंगकर वहां से निकले तो कुछ ही दूरी पर बार-बार रेलवे फाटक बंद होने से समस्या बढ़ती चली गई। फतेहगंज पूर्वी वाले दूसरे छोर पर भी यही हालात रहे। कस्बे में बने पुल को चार दिन पहले कोलतार डालने के लिए बंद कर दिया गया था। काम हो गया, मगर रास्ता नहीं खोला। उसी पुल की उत्तरी दीवार बनाने के लिए सर्विस लेन पहले ही बंद जा चुकी थी। ऐसे में यातायात का पूरा बोझ दक्षिणी सर्विस लेन पर आ गया। शाहजहांपुर छोर से जाम से जूझते वाहन चालकों ने किसी तरह हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग पार की तो यहां आकर फंस गए। इसी तरह कस्बे के जाम से निकले वाहन हुलासनगरा क्रासिंग पर फंसे। इसी वजह से पूरे दिन जाम लगा रहा।
शुक्रवार रात से लगा था जाम, आइजी भी फंसे
जाम शुक्रवार रात से लगा हुआ था। शनिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे शाहजहांपुर की ओर जा रहे आइजी रमित शर्मा की गाड़ी भी जाम में फंसी। पहले से अलर्ट था, मगर वाहन इस कदर फंसे हुए थे कि पुलिसकर्मी चाहकर भी उनके लिए रास्ता खाली नहीं करा सके। करीब 15 मिनट तक उनकी गाड़ी जाम में फंसी रही। फतेहगंज पूर्वी व शाहजहांपुर के मीरानपुर कटरा थाने की पुलिस जूझती रही, तब जाकर उनकी गाड़ी निकल सकी।
मंत्री की भी नहीं सुनते एनएचएआइ के अफसर
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने हालात देख सड़क-परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर हुलासनगरा पुल का काम जल्द पूरा कराने को कहा था। उन्होंने एनएचएआइ के अफसरों ने कार्य प्रगति पूछी। इसके बाद जवाब दिया था कि पुल का निर्माण 10 फरवरी 2021 तक पूरा हो जाएगा। मंत्री के हस्तक्षेप के बावजूद एनएचएआइ के अधिकारी मनमानी करते रहे और पुल अब तक नहीं बन सका। तीन महीने समय और बढ़ा लिया। तर्क दिया कि रेलवे लाइन के ऊपर का हिस्सा बनवाएगा एनएचएआइ, मगर सुपरविजन रेलवे अफसरों को करना है। वहां करीब 52 मीटर लंबे स्पैन (छत) बनने हैं, जिसके लिए तीन साल पुराने गर्डर मौके पर रखे हैं। पुराने गार्डर उपयोग किए जाएं या नहीं, इसके लिए पिछले पखवारे आइआइटी (बीएचयू) की टीम से तकनीकी ऑडिट कराया। अब कहा जा रहा कि रिपोर्ट के आधार पर रेलवे को फैसला लेना है कि पुराने गार्डर उपयोग होंगे या नहीं। खुद एनएचएआइ अफसरों ने क्या प्रयास किए, इस पर चुप्पी साधे हैं। 85 करोड़ से बनने वाले इस पुल का 35 फीसद काम बाकी है।
जवाबदेही से कतराए परियोजना निदेशक
अधूरा काम व निर्माण सामग्री छोड़कर स्टाफ छुट्टी क्यों चला गया, राहगीरों की समस्या दूर करने के क्या प्रयास हुए, ऐसे सवालों पर एनएचएआइ के परियोजना निदेशक सुनील जिंदल कुछ नहीं बोले। दोपहर को बयान देने से इन्कार किया, शाम को फोन रिसीव करना बंद कर दिया।
संतोष करेंगे नितिन गडकरी से शिकायत
अफसरों की मनमानी से राहगीरों को होने वाली परेशानी पर केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने नाराजगी जताई। बोले, बुधवार को सड़क-परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से इस बारे में बात करेंगे।
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कमिश्नर बोले, लापरवाही बर्दाश्त नहीं
कमिश्नर आर. रमेश ने कहा कि हुलासनगरा क्रासिग पर चल रहे निर्माणों को लेकर सख्त हिदायत दी गई थी। इसके बावजूद लापरवाही हो रही, जोकि बर्दाश्त नहीं है। संबंधित अफसरों से वजह पूछकर काम जल्द कराएंगे।