बिजली विभाग में फर्जीवाड़ा : सीडीएफ, आरडीएफ व आइडीएफ बिलों की बढ़ रही संख्या, परेशान हो रहे उपभोक्ता
जेएनएन, शाहजहांपुर : बिजली विभाग में मीटर व बिलिंग में फर्जीवाड़ा चरम पर है। दैनिक जागरण के अभियान के बाद उपभोक्ता जागरूक हुए। तमाम लोगों ने संपर्क कर आपबीती सुनाई। विभाग ने भी सीडीएफ, आरडीएफ व आइडीएफ बिलों की बढ़ रही संख्या पर चिंता जताई है। अधीक्षण अभियंता ने पांचों वितरण खंड के अधिशासी अभियंताओं को मीटर बेस रीडिंग के लिए कार्यदायी संस्था की निगरानी के निर्देश दिए हैं।
जनपद के पांच विद्युत वितरण खंड से करीब साढ़े चार लाख उपभोक्ता जुड़े हैं। नियमित मीटर बेस बिलिंग न होने के कारण शहर में 60 व ग्रामीण क्षेत्र में करीब बीस प्रतिशत उपभोक्ता ही बिल जमा कर रहे हैं। जबकि मीटर रीडिंग के लिए कार्यदायी संस्था को जिम्मा सौंपा गया है। इस कंपनी के कर्मचारी घर बैठे बिलिंग से उपभोक्ताओं को भारी भरकम बिल बनाकर भेज रहे हैं। नतीजतन सीडीएफ (सीलिंग डिफेक्टिव) आरडीएफ (रीडिंग डिफेक्टिव) तथा आइडीएफ (आइडेंटीफाइड डिफेक्टिव) बिलों की संख्या बढ़ रही है। तमाम उपभोक्तओं के बिलों को मनमाने तरीके से आइडीएफ कर दिया गया है। ऐसे मामले में कार्यदायी संस्था को चेतावनी भी जारी की जा रही है।
उपभोक्ताओं ने जागरण से साझा किया दर्द
दैनिक जागरण के अभियान के बाद तमाम उपभोक्ताओं ने बिजली विभाग से मिल रही पीड़ा को बयां किया। साउथ सिटी निवासी शिक्षक प्रदीप कुमार राजपूत ने बताया कि उनके मां फूलश्री के नाम निगोही बिजली घर से कनेक्शन है। जून माह में 38 हजार का बिल भेज दिया गया। जबकि पांच से सात हजार के करीब बिल होना चाहिए। कांट निवासी कामाक्ष पाठक बताते है कि उनका बिल 400 से 500 के करीब आता था, जो गत माह तीन हजार का आया। ईदगाह रोड निवासी मनोज पांडेय ने बताया कि उन्हें बिजली विभाग ने 90 हजार का बिल थमा दिया। विरोध करने पर विभागीय अभियंता ने गलती स्वीकारी। संशोधन के बाद 33 हजार का बिल दिया। उनके घर में लगे मीटर से रीडिंग भी नही ली गई।
अभियान चलाकर फर्जी बिलिंग पर नियंत्रण की तैयारी
अधीक्षण अभियंता जेबी सिंह ने स्वीकार किया कि कार्यदायी संस्था के कर्मचारी फर्जी बिलिंग कर रहे है। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था को नोटिस भी जारी किया जा चुका है। कहा कि 15 अगस्त के बाद मीटर बेस रीडिंग की मानीटरिंग के लिए अभियान चलाया जाएगा। दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।