बढ़ रहे डिप्रेशन के मरीज
भागदौड़ भरी जिंदगी और काम के तनाव में ज्यादातर लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं जिसमें हर उम्र वर्ग के लोग शामिल हैं जिससे इनकी संख्या में लगातार बढ़ रही है। खासकर युवा वर्ग इसकी चपेट में अधिक आ रहे हैं।
बढ़ी ओपीडी
- जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक विभाग में 40 प्रतिशत मरीज डिप्रेशन के
- काम के तनाव में लोग हो रहे इसके शिकार, बुजुर्ग व बच्चे भी
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर: भागदौड़ भरी जिंदगी और काम के तनाव में ज्यादातर लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं, जिसमें हर उम्र वर्ग के लोग शामिल हैं, जिससे इनकी संख्या में लगातार बढ़ रही है। खासकर युवा वर्ग इसकी चपेट में अधिक आ रहे हैं।
जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक विभाग में डॉक्टर के अनुसार प्रतिदिन यदि सौ मरीज ओपीडी में आते हैं, तो 30 से 40 प्रतिशत डिप्रेशन के होते हैं। इसमें नौकरीपेशा, बेरोजगार युवा, घरेलू महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। डिप्रेशन का मुख्य कारण तनाव है। ऐसे मरीज को इलाज से अधिक देखभाल की जरूरत होती है।
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डिप्रेशन के लक्षण
ज्यादा नींद आना या अनिद्रा होना
ऊर्जा का कम होना
बेचैनी या चिड़चिड़ापन
अयोग्यता की भावना
उदासी और खालीपन
आत्महत्या के विचार आना
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डिप्रेशन को दूर करने के उपाय
- पूरी तरह से सपोर्ट दें।
- पीड़ित को मरीज नहीं समझें
- ऐसी बातें न दोहराएं जिससे तकलीफ हो
- क्षमताओं व उपलब्धियों का एहसास कराएं
- परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं
- नकारात्मक विचारों से दूर रहें
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फोटो: 15 एसएचएन:13
वर्जन: काम में तनाव और भागदौड़ और दिनचर्या अव्यवस्थित होने की वजह से लोग डिप्रेशन की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे लोगों को काफी ध्यान देने की जरूरत हैं। समय से इलाज कराकर इससे मुक्ति पाई जा सकी है।
डॉ. शेषांक अग्रवाल, विशेषज्ञ मनोचिकित्सक, जिला अस्पताल