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मां को मैंने नहीं मारा, वह तो भूख से मरी हैं..

मैंने अपनी मां को नहीं मारा..। वह तो भूख से मरी हैं..।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 07:22 AM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 07:22 AM (IST)
मां को मैंने नहीं मारा, वह तो भूख से मरी हैं..
मां को मैंने नहीं मारा, वह तो भूख से मरी हैं..

शाहजहांपुर : मैंने अपनी मां को नहीं मारा..। वह तो भूख से मरी हैं..। घर पर पुलिस क्यों आयी थी.., उनका शव पोस्टमार्टम पर क्यों ले गये..। यह सवाल हैं उस बेटे के जिसकी मां की पिछले सप्ताह मौत हो गई। सहमी हुई आवाज है उस कलियुगी बेटे की, जिसकी मां को अपनों का कंधा तक नहीं मिला। यह डर है उस टीटीई सलिल चौधरी का जिसने अपनी मां की मौत की सूचना तो साथियों को दे दी, लेकिन उसके बाद से उसका कुछ पता नहीं चल रहा है। शव के अंतिम संस्कार से पहले तक वह अपने टीटीई साथियों से फोन पर बात करता रहा, लेकिन जैसे ही पुलिस के पहुंचने की सूचना मिली वह डर गया। सलिल को लगा कि कहीं उसे मां की हत्या के जुर्म में पकड़ न लिया जाए। यही कारण है कि वह अब तक अपने घर आने का साहस नहीं जुटा सका है। हालांकि साथियों ने उसे लाख समझाने की कोशिश की। जब भी उसने कॉल रिसीव की तो यही कहा कि घर आ जाओ। कोई तुम्हें कुछ नहीं कहेगा, मां के शव का अंतिम संस्कार करना है, पर वह आया नहीं।

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सकपका गया सलिल

सलिल से उसके साथी टीटीई ने पूछा कि वह कहां पर है, शव का अंतिम संस्कार होना है। शव का पोस्टमार्टम हो गया है। यह सुनते ही सलिल सकपका गया। उसने पूछा कि पोस्मार्टम के लिए शव क्यों ले गये। मैंने अपनी मां को नहीं मारा है, वह तो भूख से मरी थीं। जिस पर साथी ने बताया कि मां का शव लावारिसों की तरह मिला था। तुमसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। इसलिए पुलिस आयी थी और पोस्टमार्टम कराया गया। जवाब में सलिल फिर वही बातें दोहराता है। वह कहता है कि मां भूखी थीं, ठंड भी पड़ रही थी। इसलिए उनकी मौत हुई होगी। एक बार उसने सरकारी मकान खाली करने के लिए नोटिस दिये जाने की बात भी कही। कहा कि मां को उसका सदमा लगा होगा, लेकिन फिर वही बातें दोहराने लगा।

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लड़खड़ा रही थी आवाज

करीब दस मिनट की बातचीत के दौरान सलिल ने यह भी कहा कि उसके पास रुपये नहीं हैं। वह काफी परेशान है, लेकिन वह कहां पर है यह उसने नहीं बताया। सलिल ने स्वयं के त्रिवेणी एक्सप्रेस से आने की बात कही, लेकिन वह नहीं आया। बातचीत के दौरान वह डरा व सहमा हुआ था। उसकी आवाज लड़खड़ा रही थी। रुआंसा भी था, पर बातचीत से लग रहा है कि मामला पुलिस के संज्ञान में आने के कारण आने से बच रहा है। उसे डर है कि कहीं पुलिस कोई कार्रवाई न कर दे। हालांकि साथी टीटीई लगातार उससे संपर्क कर घर लाने की कोशिश कर रहे हैं।


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