दो दिन में कैसे होगी 200 आवेदन की जांच
प्रशासन की लापरवाही की वजह से आतिशबाजी की दुकानें इस बार बिना लाइसेंस के ही संचालित होना शुरू हो गई। जबकि अस्थायी लाइसेंस के लिए जो आवेदन अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं उनका सत्यापन तक नहीं कराया गया है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : प्रशासन की लापरवाही की वजह से आतिशबाजी की दुकानें इस बार बिना लाइसेंस के ही संचालित होना शुरू हो गई। जबकि अस्थायी लाइसेंस के लिए जो आवेदन अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं उनका सत्यापन तक नहीं कराया गया है।
दीपावली पर आतिशबाजी की अस्थायी दुकानें लगाने के लिए करीब 200 आवेदन हो चुके हैं। अग्निशमन विभाग के पास आख्या मांगने के लिए अभी तक कोई फार्म नहीं पहुंचा है। जबकि तीन दिन पहले लाइसेंस व्यापारियों को जारी किए जाते है। ऐसे में महज दो दिन में 200 आवेदन की जांच कर आख्या सक्षम अधिकारी तक भेजना मुश्किल हो जाएगा। वहीं, एसडीएम व सीओ बैठकें कर जल्द प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दे चुके हैं। वहीं, कोरोना संक्रमण के कारण व्यापारी भी आतिशबाजी की दुकानें लगाने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। उन्हें कारोबार प्रभावित होने का डर सता रहा है।
शहर में पहुंचे 74 आवेदन
गत वर्ष 300 अस्थायी दुकानें लगाई गई थी, लेकिन इस बार बमुश्किल 200 आवेदन ही पहुंचे। जिसमे सर्वाधिक 74 आवेदन शहर में पहुंचे।
नौ स्थानों पर बनते है पटाखे
जिले में मदनापुर, कलान, मिर्जापुर, खुदागंज, कांट, जलालाबाद व बंडा क्षेत्र में एक-एक व्यापारी को आतिशबाजी बनाने का लाइसेंस जारी किया गया था। मीरानपुर कटरा में दो व्यापारी पटाखे तैयार कर रहे हैं। इन्हें 15 से 20 किलो बारूद रखने की अनुमति है।
वर्जन
अभी तक किसी लाइसेंस को जारी करने के लिए आख्या नहीं मांगी गई है। व्यापारी भी इस बार दुकानें लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
रेहान अली, मुख्य अग्निशमन अधिकारी