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काम के साथ बच्चों की परवरिश पर भी दें ध्यान

भागमभाग भरी ¨जदगी में अभिभावकों बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 04:02 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 04:02 AM (IST)
काम के साथ बच्चों की परवरिश पर भी दें ध्यान
काम के साथ बच्चों की परवरिश पर भी दें ध्यान

शाहजहांपुर : भागमभाग भरी ¨जदगी में अभिभावकों बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। बेहतर परवरिश के लिए रात दिन मेहनत करते हैं, लेकिन बच्चों के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। नतीजा मुन्ने और बन्ने मियां की तरह होता है।

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कुछ यही संदेश था कोरोनेशन आर्ट थियेटर के नाटक बिच्छू का..। वरिष्ठ रंगकर्मी जरीफ मलिक आनंद के निर्देशन में गांधी भवन में हुए इस नाटक में मुन्ने मियां (राहुल ओझा) व बन्ने मियां (शुभम कटियार) के परिवारों की कहानी दिखायी गई। दोनों परिवारों के बेटे अफजल (कैफ) व मुनीर (हशमत) दो अलग-अलग लड़कियों के प्यार में पड़ जाते हैं। लड़कियों को पाने के लिए वे लोग नौकर रहमत (राहुल वाजपेयी) की मदद लेते हैं। रहमत उन लोगों के पिता की कमाई निकलवाकर उनकी मदद करता है। अंत में होता वही है जो उनके वालिद चाहते हैं। नाटक कुमुदकांत, योगेश कुमार, हर्ष दीक्षित, अतिथि दीक्षित, मीनाक्षी पांडेय आदि ने भी अपनी भूमिकाओं से न्याय किया। मंच परे मो. तसलीम, अर्जुन ¨सह, राज, अमित श्रीवास्तव, आकाश पाल, मानवेंद्र मिश्र, संतोष कुमार, नैना, दीपाली कश्यप, शिवि शर्मा, प्रखर पांडेय, दुर्गेश कुमार, मोहित कुमार, अनुज ¨सह, आलोक सक्सेना, सौरभ अग्निहोत्री आदि का सहयेाग रहा।


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