53 किसानों के खिलाफ एफआइआर, 208 पर 6.10 लाख जुर्माना
पराली जलाना संज्ञेय अपराध घोषित होते ही जिले की पुलिस सक्रिय हो गई है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : पराली जलाना संज्ञेय अपराध घोषित होते ही जिले की पुलिस सक्रिय हो गई है। अपर मुख्य सचिव गृह का पत्र आने के बाद पुलिस प्रशासन ने 53 किसानों के खिलाफ पराली जलाने का मुकदमा दर्ज किया है। करीब दो दर्जन लोग गिरफ्तार भी कर लिए गए। जिला स्तरीय समिति ने 208 किसानों पर 6.10 लाख का जुर्माना लगाया है। 32500 रुपये का राजस्व कार्रवाई के दौरान वसूल किया गया।
अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद सक्रिय हुई पुलिस
अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर पराली समेत कृषि अपशिष्ट जलाने की घटनाओं को रोकने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए शासनादेश में कहा गया है कि जिला स्तर पर एडीएम वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में गठित सेल फसल अपशिष्ट जलाने की घटनाओं की रोकथाम को प्रभावी कदम उठाए। एसडीएम की अध्यक्षता में गठित मोबाइल स्कवॉड को लगातार भ्रमण कर कड़ी कार्रवाई को कहा गया है। अपर मुख्य सचिव ने दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 188 व 291 संज्ञेय तथा 278 व 290 असंज्ञेय धाराओं के तहत कार्रवाई के निर्देश देते हुए पाक्षिक रिपोर्ट भी मांगी है। पांच नवंबर को जारी शासनादेश के तहत बुधवार को दो व गुरुवार को 51 किसानों के खिलाफ पराली जलाने का मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
तराई में सर्वाधिक कार्रवाई
सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन के लिए प्रदेश में मिनी पंजाब के रूप में चर्चित पुवायां में सर्वाधिक पराली जलाने की घटनाएं हुई। यहां 219 किसानों को कृषि विभाग ने पराली जलाने में निरुद्ध किया। पुलिस ने 38 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। सबसे कम कलान में 11 लोगों ने पराली जलाई। तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
पराली जलाने की घटनाएं व दर्ज एफआइआर का तहसीलवार ब्योरा
तहसील : जुर्माना कार्रवाई - एफआइआर
सदर : 28 - 02
तिलहर : 36 - 05
पुवायां : 119 - 38
जलालाबाद : 11 - 05
कलान : 14 - 03
कुल योग : 208 - 53
बोले एडीएम
किसान पराली न जलाएं। इससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है। यह संज्ञेय अपराध भी है। अब जो किसान पराली समेत कृषि अपशिष्ट जलाने में पकड़े जाएंगे, जुर्माना वसूलने के साथ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।
अमर पाल सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व