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केंद्रीय विद्यालय एक के सीसीटीवी में दिखा तेंदुआ, दहशत Shahjahanpur News

छावनी क्षेत्र के लोग तेंदुए की चहलकदमी से दहशत में हैं। बचाव के लिए वह रतजगा कर रहे हैं।

By Edited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 11:23 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jul 2019 01:11 PM (IST)
केंद्रीय विद्यालय एक के सीसीटीवी में दिखा तेंदुआ, दहशत Shahjahanpur News
केंद्रीय विद्यालय एक के सीसीटीवी में दिखा तेंदुआ, दहशत Shahjahanpur News

शाहजहांपुर, जेएनएन : छह दिन बीतने के बाद भी छावनी क्षेत्र में तेंदुआ की दहशत बरकरार है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व व शाहजहांपुर वन विभाग की टीम के अलावा सेना के जवान भी तेंदुआ को पकड़ने का प्रयास कर रहे है। पिंजरा लगाने के साथ ही बकरा भी खरीदकर राजहंस सिनेमा के पास बांधा गया है। सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है, लेकिन कामयाबी फिर भी नहीं मिल पा रही है।

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केंद्रीय विद्यलाय एक के सीसीटीवी में दिखा तेंदुआ 

वन विभाग और टाइगर रिजर्व की टीम तेंदुआ की तलाश नहीं कर सकी हैं। हां, तेंदुअा की पहुंच केंद्रीय विद्यालय तक हो गई है। दो दिन पहले ही कैंट के स्कूलों में अनिश्चितकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है। दरअसल, केंद्रीय विद्यालय एक के सीसीटीवी में सोमवार को तेंदुआ कैद हो गया। तेंदुआ स्कूल की बाउंड्री पर बैठा देखा गया। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तब तक तेंदुआ वहां से जा चुका था। केवी-वन में तेंदुआ देखे जाने से क्षेत्र में दहशत का माहौल बढ़ गया है। 

बढ़ रही दहशत 

सेना के बाद केवी-वन के कैमरे में तेंदुआ की चहलकदमी कैद होने के बाद केंद्रीय विद्यालय-वन को अग्रिम आदेशों तक के लिए बंद कर दिया गया है। छावनी क्षेत्र के अलावा अब आस-पास के कई गांवों में भी दहशत का माहौल है। ग्रामीण खेतों पर काम पर अकेले नहीं जा रहे है। दहशतजदा ग्रामीण रात में असलहे व कांता भाला के साथ निगरानी कर रहे हैं।

मोबाइल पर देख रहे थे तेंदुआ

मऊ बासक गांव में भी लोगों की जुबां पर तेंदुआ ही था। गांव के बाहर मंदिर पर दर्जनों लोग बैठे थे। ओमप्रकाश, नन्हें सहित तमाम लोग सेना के कैमरे में कैद हुए तेंदुआ की चहलकदमी को मोबाइल पर देख रहे थे। ग्रामीण छह दिन बाद भी तेंदुआ न पकड़े जाने की वजह से काफी चिंतित नजर आए। ओमप्रकाश ने बताया कि दहशत की वजह से काम-काज भी प्रभावित हो रहा हैं।

तेंदुए तक नहीं पहुंच रही बकरे की आवाज

वन विभाग की टीम लगातार तेंदुआ होने की बात से इंकार कर रही थी। लेकिन चार व पांच जुलाई को जब सेना के कैमरे में तेंदुआ की गतिविधियां कैद हुई तो सेना के अधिकारियों ने लिखित रूप से वन विभाग को सूचना दी। जिसके बाद सक्रिय हुई वन विभाग की टीम ने बरेली से पिंजरा मंगवाया। शनिवार शाम को तीन हजार रुपये में एक बकरा खरीद कर राजहंस सिनेमा के पास जंगल में बांध दिया गया है। पिंजरा व बकरा सीसीटीवी कैमरे की जद में है। लेकिन चौबीस घंटे गुजरने के बाद भी बकरा तक तेंदुआ नहीं पहुंचा है, वन अधिकारियों का मानना है कि तेंदुआ तक बकरे की आवाज शायद नहीं पहुंची है। 

दो दिन से नहीं मिली लोकेशन

डीएफओ एमएम सिंह ने कहा क‍ि पांच जुलाई को तेंदुआ को चहलकदमी देखी गई थी। राजहंस सिनेमा के आस-पास जंगल में वह भटक रहा था। इसके बाद तेंदुआ की कोई भी लोकेशन पीलीभीत टाइगर रिजर्व व वन विभाग की टीम को नहीं मिली। 

बंदूक लेकर रखवाली 

छावनी क्षेत्र से सटे मऊ खालसा निवासी विनोद सिंह चौहान रविवार दोपहर करीब एक बजे अपने मकान के सामने पकड़िया के नीचे बंदूक लेकर बैठे थे। तेंदुआ की दहशत उनके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी। बोले तेंदुआ के खौफ से पूरा गांव परेशान है। रात जागकर काटनी पड़ रही है।

बताया कि शनिवार रात करीब एक बजे गायों का एक झुंड मकान से कुछ दूरी पर रंभा रही थी। बाहर निकलकर देखा तो गाय डर की वजह से इधर-उधर दौड़ लगा रही थी। रविवार सुबह जंगल में पास एक बछड़े का शव नाले के करीब पड़ा था। जो तेंदुआ का शिकार लग रहा था। इससे चंद कदम दूरी पर एक पेड़ से रस्सी बंधी थी जबकि किसी पशु के दो पैर पड़े थे। परिस्थितियां पशु के मरने की ओर इशारा कर रही थी।

रूबी तलाश रही किराये पर कमरा

मिश्रीपुर गांव निवासी नरेश कुमार, उनकी पत्नी रूबी व बच्चों के साथ मऊ खालसा निवासी विनोद सिंह चौहान के पास रहकर मजदूरी करते हैं। आस-पास तेंदुआ की जब भनक लगी तो वह पास के ही गांव मऊ कैंट में रविवार दोपहर किराये पर कमरे देखने पहुंच गई। लगभग डेढ़ बजे जब वह कमरा देखकर वापस आ गई।

रूबी ने बताया कि उनके छोटे तीन बच्चे है। नतीजतन जंगल किनारे रहने में डर लग रहा है। नरेश ने बताया कि साढ़ू सोनू पंजाब में रहकर मजदूरी करते है। दो दिन पहले वह यहां आने के लिए कह रहे थे। हमने क्षेत्र में तेंदुआ होने की वजह से अभी आने से मना कर दिया है। बताया कि जब हम लोग ही खुद के लिए सुरक्षित स्थान तलाश रहे है तो रिश्तेदार को जानबूझकर मुश्किल में क्यों डाले।

ग्रामीणों को सर्तक रहने के लिए कहा गया 

मऊ कैंट गांव में तीन दिन पहले सेना के जवानों ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों को सर्तक रहने के लिए कहा था। गांव में प्रवेश करते हुए एक किराना दुकान पर बैठे इरशाद ने बताया कि छावनी की दीवारें काफी ऊंची है। इस लिए गांव में तेंदुआ आने की संभावना बेहद कम है। फिर भी बच्चों को अकेले कहीं नहीं जाने देते है। खेत से भी काम-काज निपटाकर जल्दी घर आ जाते है। यदि रात में खेत पर जाने की जरूरत भी पड़ती है तो तीन-चार लोग एक साथ जाते है।  

बकरियां चराने वालों को वापस लौटा रहे 

पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन की देखरेख के लिए तैनात किए गए वन विभाग के कर्मचारी बालकराम ने बताया कि जंगल में तमाम महिलाएं बकरियां चराने आ जाती है। जिन्हें समझा करा वापस कर रहे है। लेकिन कुछ महिलाएं फिर भी नहीं मान रही है।


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