पिता बोला-बेटी की वजह से झेलनी पड़ रही थी बदनामी
चार बचों में नीमा देवी सबसे छोटी थी। जिस वजह से गजोधर उसे सबसे ज्यादा दुलार भी करता था लेकिन पिता का दुलार भूलकर वह परिवार के ही एक युवक से प्रेम कर बैठी।
जेएनएन, शाहजहांपुर : चार बच्चों में नीमा देवी सबसे छोटी थी। जिस वजह से गजोधर उसे सबसे ज्यादा दुलार भी करता था, लेकिन पिता का दुलार भूलकर वह परिवार के ही एक युवक से प्रेम कर बैठी। इसके बाद वह आगे का अंजाम तक भूल गई। प्रेम प्रसंग में जब नीमा गर्भवती हो गई तो गांव में इसकी चर्चाएं होने लगीं। गजोधर ने बताया कि जब बेटी ने समाज में उसकी गर्दन झुका दी तो उसकी गर्दन ही काटने की ठान लगी थी।
उसने बताया कि 24 सितंबर को बेटी कमरे में सो रही थी। सोते समय ही उसकी गर्दन पर पैर रखकर मार दिया था। इसके बाद जब शव दफनाने गया तो वचन पूरा करने के लिए गड़ासा से गर्दन काट दी। उसे अपने किए पर पछतावा नहीं है। गजोधर ने बताया कि तीन दिन लगातार बेटी से उसके प्रेमी के बारे में पूछा, लेकिन वह रोना शुरू कर देती थी। 24 सितंबर रात को ही उसे मारने का प्लान बना लिया था। गांव से करीब दो किमी दूर सकरिया नाला में गड्ढा पहले ही खोद दिया था।
कंधे पर लादकर ले गया शव
गजोधर बेटी का शव कंधे पर ही लादकर सकरिया नाला तक ले गया। इस बीच आठ से दस जगह शव जमीन में रखा था। हालांकि पहले गजोधर ने घटना को बेटे रामनिवास की मदद से अंजाम देने की बात कबूल की थी, लेकिन बाद में बेटे को बचाने के लिए अकेले ही घटना को अंजाम देने की बात कही।
रात में पहुंचता था घर
घटना के बाद आरोपित पिता-पुत्र ने दिन में घर में रुकना बंद कर दिया था। ताकि किसी को शक न हो। रात के अंधेरे में कुछ देर के लिए घर आते थे। ग्रामीण जब गजोधर की पत्नी व बहू से इन लोगों के बारे में पूछते तो वह चुपचाप घर चली जाती थी।