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मिट गए तालाबों के निशान, बन गए पक्के मकान

जो तस्वीर आप देख रहे हैं वह किसी कूड़ाघर की नहीं बल्कि कलान कस्बे के बीच स्थित रफियाबाद मुहल्ले के तालाब की है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 11:55 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 11:55 PM (IST)
मिट गए तालाबों के निशान, बन गए पक्के मकान
मिट गए तालाबों के निशान, बन गए पक्के मकान

जेएनएन, शाहजहांपुर : जो तस्वीर आप देख रहे हैं वह किसी कूड़ाघर की नहीं बल्कि कलान कस्बे के बीच स्थित रफियाबाद मुहल्ले के तालाब की है। किसी समय यह तालाब लोगों की पानी की जरूरत पूरी करता था। पशुओं की प्यास बुझाने का माध्यम था। शाम में इसके किनारे लोग घूमने आते थे, लेकिन धीरे-धीरे तालाब सिकुड़ गया और इसके चारों ओर मकान बनते गए। यह अकेला तालाब नहीं है। जिले के लगभग हर गांव, कस्बे व नगर में इस तरह की तस्वीरें दिख जाएंगी, लेकिन जल संरक्षण के नाम पर हर साल भारी भरकम बजट पानी में बहाने वाले अफसरों को यह सब नजर नहीं आता।

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खत्म हुआ तालाबों का अस्तित्व

मुख्यमंत्री के आदेश पर एंटी भूमाफिया अभियान चला। सरकारी जमीनों के साथ ही तालाबों पर कब्जा करने वाले कुछ लोगों पर कार्रवाई थी हुई। कब्जे भी हटवाए गए, लेकिन कुछ दिन में ही अभियान ने दम तोड़ गया। नतीजतन अब भी बड़ी संख्या में तालाब पटे हुए हैं। उन पर पक्के मकान व दुकान बने हैं। कइयों का अस्तित्व ही समाप्त हो चुका है।

भूजल संरक्षण सप्ताह की तैयारी

इस सब की परवाह किए बिना इस फिर से 22 जुलाई से भूजल संरक्षण सप्ताह मनाने की तैयारी शुरू हो गई है। सीडीओ ने स्कूल-कालेजों व संस्थाओं को दिशा-निर्देश भी दिए हैं, लेकिन जल संरक्षण होगा कैसे इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। न तो रेन वॉटर हार्वेस्टिग पर जोर है और न ही पानी बर्बाद कर रहे लोगों पर कोई प्रभावी कार्रवाई हो रही। हालांकि ग्राम्य विकास विभाग ने मनरेगा से तालाबों की खोदाई का काम शुरू कराया है, लेकिन कब्जों में जकड़े तालाबों पर कोई ध्यान नहीं है।

नोटिस तक सीमित निकाय

पिछले दिनों पुवायां व जलालाबाद नगर पालिका प्रशासन की नींद जरूर टूटी। पुवायां में नगर के बीच बैंक ऑफ बड़ौदा रोड, निगोही रोड व बंडा रोड पर पालिका प्रशासन को अपने ही तालाबों की जगह मकान बने मिले। कार्रवाई के नाम पर अभी सिर्फ नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

जिले की स्थिति :

- 4 हजार से ज्यादा तालाब हैं जिले में, हर साल होता मेंटीनेंस का काम।

- 467 तालाब मनरेगा से इस वित्तीय वर्ष में अब तक सही कराए गए।

- 213 नालों की खोदाई व उनको सही करने का काम हुआ अब तक

वर्जन

कोरोना संक्रमण और अब बारिश शुरू होने से तालाबों की खोदाई में दिक्कत आई है। चेक डैम पर जिले में काम नहीं हो रहा। उसके स्थान पर मनरेगा से नाले बनाए जा रहे हैं। आदर्श तालाब की जगह अब तालाब को वाटर रिचार्जिंग व वाटर सेविग के लिए तैयार किया जाता है।

हसीब अंसारी, उपायुक्त मनरेगा

तालाबों पर कब्जे हटवाने के लिए जल्द अभियान शुरू किया जाएगा। संबंधितों पर कार्रवाई होगी।

रामसेवक द्विवेदी, एडीएम प्रशासन


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