बारिश से गर्रा, रामगंगा का बढ़ा जलस्तर, हालात बेकाबू
भारी बारिश के साथ बांधों से छोड़े जा रहे पानी से गर्रा तथा रामगंगा में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए है। बुधवार को यहां गर्रा नदी में पूर्व में छोड़ गए 40 हजार तथा रामगंगा में 2.15 लाख क्यूसेक पानी के पहुंचने से सैकड़ों गांव बाढ़ से घिर गए है। सड़कें जलमग्न हो गई है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : भारी बारिश के साथ बांधों से छोड़े जा रहे पानी से गर्रा तथा रामगंगा में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए है। बुधवार को यहां गर्रा नदी में पूर्व में छोड़ गए 40 हजार तथा रामगंगा में 2.15 लाख क्यूसेक पानी के पहुंचने से सैकड़ों गांव बाढ़ से घिर गए है। सड़कें जलमग्न हो गई है। हजारों हेक्टेयर खेतों में फसलों के ऊपर से कई फीट ऊपर से पानी चल रहा है। लोगों को बाढ़ से बचाव के लिए घरों, स्कूलों व पंचायत भवनों की छत पर शरण लेनी पड़ी है। चित्तीबोझ़ी में गर्रा नदी के टापू में फंसे लोगों को निकालने के लिए प्रशासन को जलालाबाद से नाव मंगानी पड़ी। कई लोगों को ट्यूब के सहारे निकाला गया। शहर में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया है। खन्नौत के टापू पर बना हनुमतधाम सैलाब से घिर गया है। डीएम, एसपी ने तड़के से लेकर शाम तक तीन बार गर्रा की बाढ़ का निरीक्षण किया। हालात बेकाबू देख उन्होंने एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की मदद मांगी है। एनडीआरएफ की टीम फैजाबाद से चल चुकी है जो देर रात यहां पहुंचकर मदद में जुट जाएगी।
सबसे ज्यादा खतरा गर्रा नदी से है। दरअसल, दियुनी बांध से नदी में क्षमता से अधिक 56 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यहां 2008 में भी 55 हजार से अधिक पानी छोड़े जाने पर दिल्ली- लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग तथा भिड लिपुलेख मार्ग जलमग्न हो गया था। शहर में खन्नौत नदी से सैलाब बृज बिहारी कालोनी तक आ गया था। अजीजगंज राइखेडा मार्ग, सुभाषनगर, अजीजगंज समेत लालपुर, गोबरसंड आदि सौ से ज्यादा गांव बाढ़ से जलमग्न हो गए थे। उसी तरह के हालात फिर बन गए है। बुधवार को दियुनी बैराज से छोड़ा गया 56 हजार क्यूसेक पानी गुरुवार सुबह यहां से पास होगा। इसके बाद हालात बेकाबू हो जाएंगे। इससे सर्वाधिक असर तिलहर, तथा सदर तहसील के गांवों पर पड़ेगा। जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने हालात की भयावह स्थिति को देख एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचक बल) को बुला लिया है। चार मोटरबोट समेत आधुनिक संसाधनों से युक्त 30 सदस्यों की यूनिट रात में पहुंच जाएगी। प्रशासन की ओर से तहसीलवार की गई तैयारियां
- 34 नाव हैं छोटी व मझोली जनपद में, दो दर्जन बड़ी नाव मांगी गई।
- 69 बाढ़ चौकियां : 10 सदर, 30 तिलहर, 13 जलालाबाद, 10 कलान, 6 पुवायां में
- 26 बाढ़ राहत शिविर : 10 सदर, 6 तिलहर, 6 पुवायां , 4 जलालाबाद , 3 कलान में
- 41 गोताखोर : 5 तिलहर, 12 जलालाबाद , 24 कलान में, सदर व पुवायां में शून्य
- 400 गांव बाढ़ प्रभावित: सदर 42, तिलहर 110, जलालाबाद 164, कलान के 131 जलालाबाद में 1804, कलान में 1540 हेक्टेयर
- बाढ़ चौकियों पर प्राथमिक उपचार, खाद्य रसद, पशु चिकित्सा टीम, नाव, गोताखोर
- बाढ़ नियंत्रण कक्ष खुला : 05842 220017, 220018, 220019