खत्म होगी कार्यक्रमों से ग्राम प्रधान पतियों की भूमिका : डॉ. प्रीति
महिला हितों के लिए आयोजित कार्यक्रमों में अब उनके पतियों का हस्तक्षेप नहीं चलेगा।
- राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने अधिकारियों के साथ विकास भवन सभागार में की मीटिग
- कहा जब महिला को उसके अधिकार से वंचित किया जाएगा तो कैसे होगा महिला सशक्तिकरण
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर :
महिला हितों के लिए आयोजित कार्यक्रमों में अब उनके पतियों का हस्तक्षेप नहीं चलेगा। इसके लिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. प्रीति वर्मा ने जिला स्तरीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि महिला प्रधान है तो उसके पति को कार्यक्रम में न आने दिया जाए। सरकार महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रही है लेकिन महिलाओं को उनके हितों से वंचित कर दिया जाता है। इस दौरान उन्होंने बेटियों की सुरक्षा व उनके अधिकारियों को लेकर जिले में चले कार्यक्रम की भी समीक्षा की। कहा जब बेटियां सुरक्षित रहेंगी तो देश सुरक्षित रहेगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के अधिकारों, सुरक्षा, संरक्षण व देखरेख में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कहा कि छोटे-छोटे अपराधों में संलिप्त बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए गंभीरता से प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार को निर्देशित किया कि जनपद में कोई भी प्रवेश से वंचित न रहे। कांवेंट स्कूलों में शिक्षा के अधिकार के तहत गरीब बच्चों को प्रवेश देने में की जा रही अनाकानी पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई तथा ऐसे लंबित प्रकरणों की सूची बेसिक शिक्षा अधिकारी से तलब की। इस मौके पर एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह, बीएसए राकेश कुमार, न्याय प्राधिकारी बाल कल्याणसमिति मुकेश कुमार सिंह, महिला शक्ति केंद्र की महिला कल्याण अधिकारी रेखा शर्मा, सुयश सिन्हा, अजय कुमार जैन आदि मौजूद रहे। विभागों में नहीं है आपसी तालमेल
डॉ. प्रीति ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से जो योजनाएं बाल व महिला हितों के लिए चलाई जा रही है। उनका लाभ विभागों के आपसी तालमेल की वजह से उन तक नहीं पहुंच पाता है। शाहजहांपुर में कुछ विभागों के बीच आपसी तालमेल की कमी थी। इस लिए सभी विभागों के साथ बैठक की गई है।
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