पूर्व डीपीओ समेत तीन पर गाज गिरनी तय
शाहजहांपुर: मुख्यत: कुपोषण को खत्म करने के मकसद से बाल विकास परियोजना संचालित की जा रही है, जिस पर स
शाहजहांपुर: मुख्यत: कुपोषण को खत्म करने के मकसद से बाल विकास परियोजना संचालित की जा रही है, जिस पर सरकार भारी भरकम रकम खर्च करती है। लेकिन इसका लाभ वास्तविक तौर पर पात्रों को नहीं मिल पाता है। ऐसे में सरकारी धनराशि जिम्मेदारों की जेब में ही चली जाती है। इन हालातों के मद्देनजर बाल विकास परियोजना कार्यालय गंभीर अनियमितताओं का पर्याय बनकर रह गया है। चाहे बाल पुष्ठाहार को वितरण हो या फिर विभागीय स्टाफ की तैनाती का मामला, हरेक में गड़बड़ी है। जी हां, शुक्रवार को जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने जब बाल विकास परियोजना कार्यालय के कार्यकलापों की समीक्षा की तो कुल मिलाकर यही तस्वीर उभर सामने आयी। डीएम ने निवर्तमान जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्योति शाक्य, लिपिक शिवशंकर और ¨सधौली की मुख्य सेविका कृष्णा को निलंबित करने की संस्तुति की है। वहीं मौजूदा जिला कार्यक्रम अधिकारी रामसूरत मौर्य से स्पष्टीकरण तलब किया है।
डीएम अमृत त्रिपाठी ने शुक्रवार को बैठक बुलाकर बाल विकास परियोजना कार्यालय की समीक्षा की। उन्होंने बाल पुष्ठाहार वितरण के बारे में मालूमात की, लेकिन कोई भी जिम्मेदार संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। डीएम को बताया गया कि वी¨नग फूड, मीठा दलिया, नमकीन दलिया, लड्डू प्रीमिक्स का वितरण किये जाने का आदेश शासन से मिला है। साथ ही उपरोक्त सामग्री रूचि फूड्स नामक फर्म की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। यह फर्म फूड्स सामग्री ब्लाक मुख्यालय स्तर पर उपलब्ध कराएगी। इसके बाद उपजिलाधिकारी स्तर से सत्यापन किया जाएगा। अगर उपजिलाधिकारी 48 घंटे के भीतर सत्यापन नहीं करते हैं तो सामग्री सीधे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को उपलब्ध कराई जाएगी। डीएम ने पूछा कि फर्म किस तरह सामग्री उपलब्ध कराएगी, कहां स्टोर करेगी और कितने वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा? इस सवाल पर जिला कार्यक्रम अधिकारी मौर्य निरुत्तर रहे।
बगैर सूचना दिए चल रहे गैरहाजिर
बैठक के दौरान सुपरवाइजर हरिओम ने बताया कि कार्यालय के लिपिक शिवशंकर बगैर सूचना के गत दो माह से गैरहाजिर चल रहे हैं। इसी तरह ¨सधौली की वरिष्ठ मुख्य सेविका कृष्णा भी ऐसे ही गैरहाजिर चल रही हैं। डीएम ने दोनों कर्मचारियों के साथ साथ निवर्तमान जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्योति शाक्य को निलंबित किए जाने की संस्तुति की है।
मी¨टग में गैरहाजिर रोका वेतन
समीक्षा बैठक में गैरहाजिर रहने पर बाल विकास परियोजना मिर्जापुर की मुख्य सेविका मीना यादव, ददरौल के बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा तथा पुवायां की मुख्य सेविका ऊषा देवी का वेतन रोकने तथा इनके क्षेत्र में विशेष अभियान के तहत घर घर जाकर लाभार्थियों का सत्यापन करने के डीएम ने निर्देश दिए।
बाल विकास परियोजना कार्यालय की समीक्षा में गंभीर अनियमितताएं मिली हैं। फिलहाल तीन लोगों को निलंबित किए जाने की संस्तुति की गई है। लाभार्थियों के सत्यापन में गड़बड़ी पाए जाने पर एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। साथ ही सामग्री सप्लाई करने वाली फर्म के कार्यकलापों की भी जांच कराई जाएगी। - अमृत त्रिपाठी, डीएम