रोशनी से नहाई धरा, सतरंगी हुआ आसमां
रविवार को धरा असंख्य दीपों व की रोशनी से सराबोर गई। आतिशबाजी से आसमां सतरंगी हो उठा।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : रविवार को धरा असंख्य दीपों व की रोशनी से सराबोर गई। आतिशबाजी से आसमां सतरंगी हो गया। मौका था दीपावली पर्व का। रंग-बिरंगी झालरों से सुशोभित घरों में शाम को रंगोली सजाकर मंत्रोच्चारण के साथ लक्ष्मी-गणेश की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना के साथ मुंह मीठा कराया गया। उपहार के साथ बधाई देने का सिलसिला भी चला। शहर से लेकर गांव यह नजारा रहा। सूरज ढलते ही असंख्य दीप जल उठे। धरा प्रकाशमय हो गई। तन-मन को आह्लादित करने वाले इस मनमोहक ²श्य को देखने के लिए लोग घरों की छत पर चढ़ गए। सुबह से शाम तक लोगों ने अपने रिश्तेदारों, शुभचितकों के घर जाकर उपहार के साथ दीपावली की खुशियां बांटी।
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सोशल मीडिया पर दीपोत्सव की सुनामी
सोशल मीडिया पर भी दीपोत्सव की धूम रही। वाट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर समेत अन्य सोशल अप्लीकेशन पर दीपावली, धनतेरस, गोवर्धन पूजा तथा भैयादूज के संदेशों की बाढ़ रही। यू ट्यूब समेत कई एप पर दिवाली मनाने के तरीके व शुभ मुहूर्त के साथ विधि भी बताई गई।
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जनप्रतिनधियों व अधिकारियों के यहां रही भीड़
कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने राजभवन पर कार्यकर्ताओं के साथ दिवाली मनाई। सांसद अरुण सागर समेत अधिकारी व कार्यकर्ता भी बधाई देने पहुंचे। विधायक, एमएलसी, जिला पंचायत अध्यक्ष समेत अधिकारियों के आवास पर भी देर रात तक बधाई देने वालों का तांता रहा। पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णाराज के आवास पर भी कार्यकर्ताओं की भीड़ रही।
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तड़के सूप बजाकर निकाली अलाय - बलाय
दीवाली पर अलाय- बलाय निकालने की परंपरा भी पुरानी है। रात में दिवाली के बाद सोमवार तड़के घर की महिलाओं ने सूप बजाकर नकारात्मक ऊर्जा की प्रतीक गंदगी आदि को बाहर निकाला। लगभग सभी घरों में सदियों पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया। तमाम गांवों में मशाल जलाकर गांव से अलाय-बलाय निकालने की परंपरा को निभाया गया। प्रशासन ने भी गंदगी रूपी अलाय-बलाय निकालने का आह्वान किया।
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आंखों में लगाया परंपरा का काजल
दिवाली की रात पूजा के बाद काजल लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है। दीप जलाने के बाद घर की महिलाओं ने माटी के बड़े दीप से काजल पारा। इसके बाद घर के सभी सदस्यों को काजल लगाया गया। मान्यता है कि दीपावली के दिन काजल लगाने से नेत्र ज्योति में भी वृद्धि होती है।