डीजीपी की फटकार के बाद ऑपरेशन करो या मरो
र¨वदर और मुन्नालाल को नीचे उतारने में जो अधिकारी तीन दिन से असहाय थे।
शाहजहांपुर : र¨वदर और मुन्नालाल को नीचे उतारने में जो अधिकारी तीन दिन से असहाय थे वे बुधवार को यूं ही अचानक एक्शन में नहीं आ गए। डीजीपी की फटकार के बाद अधिकारियों पर दबाव बढ़ा। उन्होंने तय कर लिया कि दोनों को नीचे उतारना है, चाहें कैसे भी हो। इस आपरेशन को नाम दिया करो या मरो। र¨वदर व मुन्नालाल के परिजनों के साथ बैठक कर उन्हें भी इस बारे में बता दिया। कोशिश रंग लायी और देर शाम दोनों नीचे आ गये।
रविवार तड़के मोबाइल टॉवर पर चढ़े र¨वदर आजाद के सामने प्रशासन व पुलिस बौने साबित हो रहे थे। वह तीन दिन से अधिकारियों को छका रहा था। मांग पूरी करने के आश्वासन के बाद भी अपनी मर्जी से नचा रहा था। डीएम अमृत त्रिपाठी व एसपी डॉ. एस चनप्पा के पहुंचने के बाद भी कोई हल नहीं निकला। मंगलवार दोपहर बाद प्रशासन ने मांग के आधार पर कलान में परौर रोड पर कब्जा हटवाने के साथ सड़क बनवाने का भी काम शुरू कर दिया, लेकिर र¨वदर सीओ के मोबाइल से वीडियो देखने के बाद भी नहीं मान रहा था। मामला मीडिया की सुर्खियों में छाया तो शासन ने संज्ञान लिया। डीजीपी कार्यालय से फोन आया। जिसके बाद एडीजी व आइजी बरेली जोन दोनों ने ही मॉनीट¨रग शुरू कर दी। डीएम व एसपी ने भी दबाव बनाया, कहा कि कैसे भी दोनों को नीचे उतारो। इस तरह हुई कवायद
दोपहर तक मनाने के बाद भी जब र¨वदर नहीं आया तो कोतवाली में एसडीएम विजय शर्मा, सीओ एसपी दुबे ने र¨वदर के पिता नेत्रपाल व मुन्नालाल के पिता रामपाल को बुला लिया। कुछ रिश्तेदार भी आये। उनके साथ वार्ता की। कहा कि दोनों को नीचे उतारने में सहयोग करें। अगर नहीं करेंगे तो प्रशासन अपनी कार्रवाई करेगा। कैसे भी हो उन्हें आज नीचे लाकर रहेंगे। जिसके बाद शाम करीब साढ़े तीन बजे सभी लोग वहां पर पहुंचे।
रणनीति हुई कामयाब
करीब आधा घंटा तक र¨वदर को मनाने की कोशिश हुई। नहीं माना तो शाम करीब साढ़े चार बजे दो पुलिस कर्मी व बिजली विभाग के पांच लाइनमैन ऊपर भेजे। जब सभी लोग ऊपर गये तो र¨वदर व मुन्नालाल और ऊपर चढ़ गये। जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने उनका सामान, खाद्य पदार्थ आदि नीचे फेंक दिया। पानी भी नहीं छोड़ा। प्रशासन की रणनीति काम की और दोनों नीचे आ गये। र¨वदर पर अगर पहली बार में ही कार्रवाई की गई होती तो वह दोबारा टॉवर पर नहीं चढ़ता। इस बार ऐसा इंतजाम किया जाएगा कि वह अब इस तरह की हिम्मत नहीं करेगा।
एसपी दुबे, सीओ