श्रद्धा के सैलाब में ढह गए कोरोना नियंत्रण के बांध
अनलॉक वन की घोषणा के पहले ही दिन गंगा दशहरा पर्व होने पर गंगा समेत नदियों के घाटों पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ गया। कोरोना नियंत्रण को लगे प्रशासन के बैरियर के तोड़ सैकड़ों लोग गंगा में दशहरा स्नान को पहुंच गए। उन्होंने पतित पावनी के जयघोष के बीच पुण्य पर्व की डुबकी लगाई। गंगा पुत्रों को अन्नदान के साथ दक्षिणा अर्पित की।
जेएनएन, शाहजहांपुर : अनलॉक वन की घोषणा के पहले ही दिन गंगा दशहरा पर्व होने पर गंगा समेत नदियों के घाटों पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ गया। कोरोना नियंत्रण को लगे प्रशासन के बैरियर के तोड़ सैकड़ों लोग गंगा में दशहरा स्नान को पहुंच गए। उन्होंने पतित पावनी के जयघोष के बीच पुण्य पर्व की डुबकी लगाई। गंगा पुत्रों को अन्नदान के साथ दक्षिणा अर्पित की। श्रद्धालुओं को पुलिस ने रोकने का प्रयास भी किया। कुछ श्रद्धालुओं की डंडा मारकर मोटरसाइकिल के शीशे व मडगार्ड भी तोड़ दिए, लेकिन श्रद्धालु खेतों से भागते हुए घाट पर पहुंचे और स्नान किया। हालांकि पुलिस ने बाद में मोटरसाइकिल दे दी। लेकिन पुलिस के कड़े रुख को देख दोपहर बाद घाट पर संख्या इकाइयों में सिमट गई।
68 दिन बाद घाटों पर गूंजा जयघोष
संसू, मिर्जापुर : 25 मार्च को लाकडाउन घोषित होने के बाद से गंगा स्थान पर लॉक गया। पूर्णिमा व अमावस्या पर गंगा के दोनों किनारों पर शाहजहांपुर व फर्रूखाबाद की पुलिस मुस्तैद कर दी गई। इससे घाट के गंगा पुत्रों समेत संतों सवा दो माह तक उपेक्षित रहे। अनलॉक वन की घोषणा के बाद श्रद्धालुओं गंगा दशहरा स्नान को पहुंचे। हालांकि धार्मिक व पूजा स्थलों पर आठ जून से छूट दी गई है, लेकिन श्रद्धालु आस्था का वेग रोक नहीं पाए और गंगा पर दशहरा स्नान के लिए पहुंच गए। गंगा पुत्रों व संतों को दान दक्षिणा अर्पित की।
गोवंशीय पशुओं को पिलाया शर्बत, खिलाया तरबूज
गंगा दशहरा पर पहली बार शहर में शर्बत के प्याऊ नहीं लगे। लेकिन श्रद्धालुओं ने गोशाला पहुंचकर गोवंशीय पशुओं को शर्बत पिलाने के साथ ही उन्हें तरबूज खिलाया। गंगा दशहरा पर दान-पुण्य के लिए निकाली गई धनराशि से गायों के लिए चारा व दाना भी भेंट किया।
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गंगा दशहरा पर घड़ा, हाथ से बुने पंखे आदि के दान की भी परपंरा रही है। गंगा दशहरा के मेले में इनकी खूब बिक्री होती थी। इसबार न श्रद्धालु रात्रि विश्राम को आए और न बिक्री के दुकाने लगे।
पंकज गुप्ता, बजरंग दल जिला सुरक्षा प्रमुख
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गंगा दहशरा स्नान के ठीक अगले दिन निर्जला एकादशी का व्रत होता है। दोनो ही दिन दान पुण्य का विशेष महत्व है। इस बार दहशरा लॉकडाउन की वजह से मेला फीका रहा। लोग पुलिस की डर की वजह से नहीं आए। अन्यथा एक दिन पहले ही आकर डुबकी लगाते थे। तीन दिन तक रौनक रहती थी।
पिटू पंडा