देर शाम पहुंचे शव, महिलाएं रहीं हादसे से अनजान
बरात में जाते समय कार पलटने से जान गंवाने वाले पांचों लोगों के शव देर शाम घर पहुंचे।
जेएनएन, शाहजहांपुर : बरात में जाते समय कार पलटने से जान गंवाने वाले पांचों लोगों के शव देर शाम घर पहुंचे। शव देख परिवार में चीख पुकार मच गई। पड़ोसी व रिश्तेदार भी अपने आंसू नहीं रोक पाए।
सदर थाना क्षेत्र के गांव शांतिपुरम कालोनी निवासी गौरव, अशफाक जकीम, यामीन व शोएब उर्फ लाला क्षेत्र के ही शाहमतगंज गौटिया निवासी सुधीर की बरात में शामिल होने कार से बीसलपुर जा रहे थे। देर रात करीब पौने नौ बजे निगोही थाना क्षेत्र के संडाखास गांव के पास केबल बिछाने के लिए खोदे गए गड्ढे में पहिया पड़ने की वजह से कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकराकर गहरी खाईं में जा गिरी। जिससे पांचों लोगों की मौत हो गई थी। घटना की जानकारी पुलिस ने पांचों लोगों के घर पर सिर्फ पुरुषों को दी थी। मंगलवार को पोस्टमार्टम से जब शव घर पहुंचे तो चीत्कार मच गई।
बच्ची की दवा लेने गए गौरव
सड़क हादसे में मृतक गौरव की पत्नी मंजू देवी को परिजनों ने हादसे की जानकारी मंगलवार दोपहर तक नहीं दी। भीड़-भाड़ देखकर जब मंजू को किसी अनहोनी का आभास होने लगा तो वह सास गीता देवी व अन्य परिजनों से पति के बारे में बार-बार पूछने लगी। परिजन उन्हें ढांढस बंधाते हुए कह रहे थे कि गौरव बच्ची की दवा लेने गए हैं। वापस आते ही होंगे। लेकिन जैसे ही पति का शव घर पहुंचा तो मंजू देवी बेहोश होकर गिर पड़ी। बेटे की मौत से गया प्रसाद व भाई शानू और रजत का भी बुरा हाल है।
बरात के लिए जल्दी काम छोड़कर आए थे अशफाक
अशफाक राजमिस्त्री थे। बरात में जाने के लिए सोमवार को जल्द काम छोड़कर घर आ गए थे। इसके बाद बिना कुछ खाये तैयार होकर अपने साथियों के साथ बरात के लिए चले गए। लेकिन कुछ देर बाद जब घर हादसे की सूचना पहुंची तो पिता हनीफ, भाई मोहम्मद शफी, महफूज, गुलफाम, जहरुद्दीन व छोटा जिला अस्पताल पहुंच गए। अशफाक की पत्नी नसरीन ने जब एकदम से सबके जाने का कारण पूछा तो बताया कि अशफाक के मामूली चोट लग गई है।
फोटो देखकर लंबी आयु की मांगते रहे दुआ
शोहराब के 25 वर्षीय बेटे जकीम की भी सड़क हादसे में मौत हो गई। मंगलवार दोपहर परिजन जकीम का बार-बार फोटो देखकर उसकी लंबी आयु के लिए दुआ मांगते रहे, लेकिन शाम करीब चार बजे जब जकीम का शव घर पहुंचा तो मां उसवती बेसुध होकर गिर पड़ी। जकीम पांच भाइयों में तीसरे नंबर पर था। बड़े भाई मुस्तकीम, रकीम, नवील व नजीम की आंखे पोस्टमार्टम हाउस पर हादसे में क्षतिग्रस्त हुई कार देखकर डबडबा उठीं।
मजदूरी कर परिवार का करते थे पालन-पोषण
40 वर्षीय यामीन मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते थे। करीब आठ माह पहले वह मुंबई से वापस आकर यहां मजदूरी करने लगे थे।
सोमवार शाम को जब मजदूरी कर वापस आए और बरात में गए। पत्नी एहवाज को रात में ही घटना की जानकारी हो गई थी। जिसके बाद वह परिजनों से अस्पताल ले चलने की जिद करती रही।
पिता का हाथ बंटाता था लाला
फिरासत अली का शोएब उर्फ लाला इकलौता बेटा था। पिता के साथ ही मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करता था। लेकिन सड़क हादसे में बेटे की मौत से नफीस का बुढ़ापे का सहारा छिन गया। शोएब की मौत की जानकारी जब उनकी तीन बहनों को लगी तो उनका भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मां नफीसा एक कोने में लेटकर अपनी किस्मत को कोस रही थी।