सुख समृद्धि के लिए जलाया यम का दीप
पांच दिवसीय दीपोत्सव की श्रृंखला के दूसरे दिन छोटी दिवाली का पर्व मनाया गया।
शाहजहांपुर : पांच दिवसीय दीपोत्सव की श्रृंखला के दूसरे दिन छोटी दिवाली का पर्व मनाया गया। घरों में महिलाओं ने गंदगी के निकास द्वार के पास यम का दीप जलाकर सुख समृद्धि की कामना की। इसके बाद घरों को रंग बिरंगी झालर से सजाया गया। प्रशासन ने शहीद स्थलों व सार्वजनिक स्थलों दीप जलाकर आमजन से कचरा गंदगी को दूर भगाकर स्वच्छता से समृद्धि का आह्वान किया।
भगवान कृष्ण ने दिवाली के दिन ही नरकासुर का वध किया था। इसलिए इस पर्व को नरक चतुर्दशी के रूप में भी मनाने का विधान है। यम को काल का देवता भी माना जाता है। छोटी दिवाली पर काल के देवता यम का दीप जलाकर सुख समृद्धि की कामना की जाती है। मंगलवार को छोटी दिवाली के उपलक्ष्य में शहर से लेकर गांव तक छोटी दीवाली के पर्व को पारंपरिक अंदाज में धूमधाम पूर्वक मनाया गया।
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दीपावली की धार्मिक महत्ता
लंका विजय प्राप्ति के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम राम के अयोध्या लौटने पर लोगों ने खुशी में दीप जलाकर खुशी मनाई। इस दिन समुद्र मंथन हुआ था। अमृत पान के लिए देवता व राक्षसों में विवाद भी हुआ। देवी लक्ष्मी ने देवताओं को अमृत का अधिकार दिया। दीपावली के दिन ही पांडवों के वनवास के बाद हस्तिनापुर लौटने का भी जिक्र आता है।
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सामाजिक महत्व
- दीपावली के दौरान ही खेतों में धान, मूंगफली समेत खरीफ की फसल तैयार होती है। किसान खुशहाल होते हैं। इस त्योहार पर लोग जरूरी वस्तुओं की खरीद करते। इससे मुद्रा का तेजी से संचरण होता। उद्योग व्यापार समृद्ध होते। सर्व समाज को इसका फायदा मिलता।
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वैज्ञानिक महत्व
गर्मी व वर्षा के दौरान तमाम हानिकाकर जीवाणु, विषाणु वातावरण में सक्रिय हो जाते। उनसे बीमारियों का भी प्रकोप बढ़ जाता। शरद ऋतु के शुभांरभ होने पर लोग खुले के बजाय बंद कमरे में सोना पंसद करते। दीपावली पर घर प्रतिष्ठानों को साफ सुथरा करने से हानिकारक जीव नष्ट हो जाते। दीप जलने पर भी असंख्य हानिकारक जीव नष्ट हो जाते। इससे वातावरण भी शुद्ध होता है।