बापू कल भी पूज्यनीय थे आज भी हैं और कल भी रहेंगे..
जोधपुर में जैसे ही कोर्ट मेंआसाराम को सजा का ऐलान हुआ। वैसे ही उनके अनुयायियों के चेहरे लटक गए।
शाहजहांपुर : आसाराम को सजा का ऐलान होते ही अनुयायियों के चेहरे लटक गए। कोई अपील करने की बात कहने लगा तो कोई आंसुओं से रोने लगा। ददरौल ब्लाक के रुद्रपुर गांव स्थित आसाराम के आश्रम पर भी सन्नाटा पसरा हुआ था। सुरक्षा के नाम पर पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। कुछ मीडियाकर्मी अपनी कवरेज के लिए पहुंचे थे। आश्रम में रहने वाले दो सेवादार देवेंद्र और दर्शन वहां पर मौजूद थे। इतने लोग होने के बावजूद वहां का माहौल काफी शांत था। कोई किसी से बात नहीं कर रहा था।
काफी प्रयास करने के बाद दर्शन व देवेंद्र मिले। आसाराम दोषी करार दिये गए हैं। यह सुनने के बाद भी दर्शन ने कोई जवाब नहीं दिया। काफी कुरेदने पर बोला कि वह महाराष्ट्र के रहने वाला है। पिछले 12 साल से बापू के सानिध्य में है। करीब ढाई वर्ष पहले इस आश्रम की जिम्मेदारी मिली, तब से यहीं रह रहा है। कोर्ट जो फैसला आया है उससे संतुष्ट नहीं हैं। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील होगी। आसाराम पर लगे आरोपों के बारे में जब पूछा तो बोला कि आरोप तो लगते रहते हैं। बापू कल भी उन लोगों के लिये पूज्यनीय थे आज भी हैं और कल भी रहेंगे। आश्रम का दूसरा सेवादार देवेंद्र काफी दुखी था, बोला कि बापू मे हमारी आस्था बरकरार है। उसे कोई डिगा नहीं सकता। देवेंद्र ने बताया कि वह तिलहर का रहने वाला है, पिछले छह माह से यहां सेवा कर रहा है। यहां पर इससे पहले घनश्याम रहता था, उसके जाने के बाद आया है। दोनों लोग गोसेवा करते हैं, सुबह-शाम ध्यान साधना व पूजा अर्चना करते हैं।