विपक्षियों की काट को शाह ने चला दलित कार्ड
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी पूरी तैयारी से थे।
अंबुज मिश्र, शाहजहांपुर :मतदान में 15 दिन का समय बचा है। चुनावी संग्राम तेज हो गया है। मुकाबला कड़ा है। तीनों प्रमुख दलों के प्रत्याशी एक ही कैडर से हैं, यह बात तीनों पार्टियों के हाईकमान भी जानते हैं। यही कारण है कि तैयारी में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी पूरी तैयारी से थे। जनसभा में जिले की सुरक्षित सीट पर बड़ी सफाई से दलित कार्ड भी खेल गये। शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर बात की, तो विपक्षियों पर भी हमलावर रहे, लेकिन इस सबके बीच वह अनुसूचित जाति के वोटरों को साधने का मौका नहीं चूके। शाह ने भाषण की शुरुआत में मंचासीन लोगों का नाम लिया तो प्रत्याशी अरुण सागर के नाम को खासी तवज्जो दी। इसके बाद बसपा सुप्रीमो पर निशाना साधना शुरू किया। बुआ भतीजा का संबोधन देकर तो वह गठबंधन पर निशाना साधते रहे, लेकिन जब बात दलितों की आयी तो मायावती का सीधे नाम लिया। बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर का भी जिक्र किया। बोले मायावती सिर्फ चुनाव तक आंबेडकर को याद रखती हैं, पर मोदी ऐसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में सरकार बनने के बाद मोदी ने ही डा. भीमराव आंबेडकर को सबसे ज्यादा सम्मान दिया। शाह यही नहीं रुके। उन्होंने प्रयागराज में हुए कुंभ की याद दिलायी। सवाल पूछा कि क्या अपनी सरकार को दलितों की सरकार कहने वालों ने कभी दलितों के पैर धोये, फिर खुद बोले नहीं। लेकिन प्रधानमंत्री ने ऐसा किया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ही दलितों के सबसे बड़े हितैषी हैं।
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यह है स्थिति
2009 में आरक्षित हुई सीट पर 2014 में भाजपा को पांच लाख से अधिक मत मिले, लेकिन इस बार परिस्थितियां बदली हुई हैं। सपा से गठबंधन के बाद बसपा अपनी स्थिति को पहले से ज्यादा मजबूत मान रही है।