आखिरी बार बेटे को चेहरा भी नहीं देख पाये..
बड़े लाड़ प्यार से उसे पाला था। जब उसके सिर सेहरा सजा तो दोनों की खुशी देखते ह
जलालाबाद : बड़े लाड़ प्यार से उसे पाला था। जब उसके सिर सेहरा सजा तो दोनों की खुशी देखते ही बनती थी, लेकिन दो दिन में ही सबकुछ बदल गया। उनके कलेजे का टुकड़ा हमेशा-हमेशा के लिए दूर चला गया। दोनों की बदकिस्मती कि आखिरी बाद उसका चेहरा भी नहीं देख पाये। बुधवार को कोयला ज्ञानपुर के पास हुये सड़क हादसे में रौलीबौरी गांव निवासी फरमान की मौत हो गई थी, जबकि उसके पिता रज्जाक अली व मां वलियम निशा जिला अस्पताल में भर्ती हैं। चोटें ज्यादा आने के कारण दोनों को छुट्टी नहीं मिल सकी। बेड पर पड़े सिसकते रहे। शाम में फरमान के शव को सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
हमें आई थी मौत, उसे लेकर चली गई
फरमान की मौत की खबर सुनकर नानी जतुन्ना बेगम रोती बिलखती गांव पहुंचीं। बोलीं मौत उन्हें आयी थी, नाती को ले गई। फरमान मां बाप के साथ बीमार नानी को देखने फर्रुखाबाद गया था।
बहन के आते ही बिलख पड़ी हूरजहां
फरमान की मौत से परिजनों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है पत्नी हूरजहां अब भी बेसुध है। उसकी हालत देख लोग और भी भावुक हो गये। हूरजहां की बड़ी बहन खैरुन घर पहुंची तो दोनों लिपटकर बहुत देर रोती रहीं। बमुश्किल दोनों को चुप कराया गया।