31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष :
खादी व गरीबी उन्मूलन के लिए बड़े पैमाने पर काम करने वाले समाजसेवी रमेश भैया युवकों को जागरुक कर रहे हैं।
शाहजहांपुर : खादी व गरीबी उन्मूलन के लिए बड़े पैमाने पर काम करने वाले समाजसेवी रमेश भैया समाज को तंबाकू मुक्त बनाने का संदेश लेकर निकले हैं। शुरूआत प्रदेश की राजधानी लखनऊ से की है। नगर विकास विभाग के सहयोग से वह पिछले एक वर्ष से वह विनोबा सेवा आश्रम के जरिये इस मुहिम को चला रहे हैं। उनकी संस्था मुख्य रूप से कोटपा एक्ट तंबाकू एवं अन्य उत्पाद अधिनियम 2003 का अनुपालन कराकर बच्चों व युवाओं को इससे बचाने की कोशिश कर रही है। लखनऊ को टोबैको फ्री यानी तंबाकू मुक्त बनाने की कवायद 31 जुलाई 2017 को राज्यपाल एवं विधानसभा अध्यक्ष ने की थी।
कार्यशालाओं का आयोजन
उसके बाद तंबाकू को बच्चों की पहुंच से दूर करने के लिए एक नियामक नीति बनाने एवं स्वैच्छिक संगठनों को जागरूक करने के लिए राज्य स्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। जिसमें जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं ने खुलकर प्रतिभाग किया।
देश का एकमात्र शहर
रमेश भैया ने बताया कि लखनऊ देश का एकमात्र ऐसा शहर है जिसे तंबाकू मुक्त बनाने का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसे विनोवा आश्रम ने पूरा करने का संकल्प लिया है। जिस तरह का रिस्पांस मिल रहा है उससे लग रहा है कि लक्ष्य को जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
कर रहे लोगों को जागरूक
इसके अलावा समुदाय स्तर पर जैसे स्कूल, पार्क व सार्वजनिक स्थानों पर लोगों से वार्ता कर उन्हें तंबाकू व इससे होने वाले रोगों के बारे में अगाह करने के साथ ही इस अभियान में जनसहभागिता तय की जा रही है। सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारियों को तंबाकू का सेवन न करने के लिए नियमित जागरूक किया जा रहा है।
बन रही है गाइडलाइन
संस्था के प्रयासों से प्रदेश में पहली बार लखनऊ नगर निगम की ओर से तंबाकू की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए नियामक नीति बनाई है। इसके क्रियान्वयन के लिए गाइडलाइन को फाइनल किया जा रहा है।
रमेश भैया बताते हैं कि बीस करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में करीब साढ़े पांच करोड़ लोग तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि तंबाकू जनित कैंसर के मामलेमें प्रदेश में रोगियों की संख्या बढ़ी है। इसकी गिरफ्त में सबसे ज्यादा युवा और बच्चे आ रहे हैं, ऐसे में यह अभियान बहुत जरूरी है।