वो बेटी इंतजार करती रह गई, पति के आने की आस भी कुचल गई
अरना को पापा के आने की खुशी थी। इंतजार था सुबह से घड़ी की सुइयां देख रही थी। पर वह नहीं आए।
जेएनएन, शाहजहांपुर : अरना को पापा के आने की खुशी थी। इंतजार था, सुबह से घड़ी की सुइयों की ओर तक रही थीं। शहजवी घरेलू काम निपटा रहीं थीं, इस बेफिक्री के साथ पति व बेटी तो रिश्तेदारी में गए हैं। घर में बैठी क्रांति को इस बात का सुकून था कि पिता और ससुर एक साथ कुछ काम से निकले हैं। दोपहर तक आ जाएंगे। अलग-अलग स्थानों पर रहने वाले इन तीनों परिवारों में अचानक एक सूचना आई ़ ़ ़कलेजा दहलाने वाली। जिसे सुनकर चीत्कार मच गई। पता चला कि शाहजहांपुर के रोजा के पास जमुका दोराहा पर हुए हादसे में परिवार के ये लोग अब नहीं रहे। चंद घंटे पहले वहां सबकुछ ठीक था, अब सबकुछ बिखर गया।
मासूम बेटी व पति का शव देखकर
शाहजहांपुर के आरसी मिशन थाना क्षेत्र के तहवरगंज निवासी 25 वर्षीय अजीम मंगलवार को अपनी तीन वर्षीय बेटी आलिया के साथ रोजा थाना क्षेत्र के सरई निवासी रिश्तेदार छोटे के घर जा रहे थे। हादसे में दोनों की मौत हो गई। सूचना पर अस्पताल पहुंचे अजीम के पिता हनीफ ने दोनों की शिनाख्त की। इसी बीच अजीम की पत्नी शहजवी भी अस्पताल पहुंच गई। परिजन पहले कुचला हुआ शव दिखाने से बचते रहे लेकिन शहजवी की जिद के आगे बेबस हो गए। जैसे ही शहजवी की नजर दोनों शवों पर पड़ी, वह बेसुध हो गईं। वहीं पिता भी जवान बेटे की मौत से अपने आंसू रोक नहीं पा रहे थे। हनीफ ने बताया कि दो बेटों में अजीम बड़े थे। मिश्रीपुर में खोखा रखकर बाल कटिग कर परिवार का भरण पोषण करते थे। अजीम का आठ वर्षीय बेटा कासिम है। जो पिता की मौत से घंटों अंजान रहा।
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ड्यूटी जाते समय मौत ने मारा झपट्टा
जासं, बरेली: जनपद हरदोई के शाहबाद थाना क्षेत्र के कटरा मुहल्ला निवासी अरुण जहानीखेड़ा में सराफा की दुकान पर नौकरी करते थे। मंगलवार को ड्यूटी जाने से पहले शाहजहांपुर में कुछ काम निपटाने के लिए आए थे। वहां से जहानीखेड़ा जाने के लिए मैजिक वाहन में सवार हो गए। हादसे में उनका चेहरा कुचल गया। शव जिला अस्पताल लाया गया तो चार घंटे तक शिनाख्त नहीं हो सकी। बाद में उनके साले बबलू पहुंचे। कपड़े आदि के आधार पर उनकी पहचान की जा सकी। बबलू ने बताया कि अरुण की तीन बेटियां 11 वर्षीय साक्षी, सात वर्षीय कृतिका व पांच वर्षीय गुनगुन हैं। अरुण की पत्नी मंजू देवी हादसे की खबर से बेसुध हो गई।
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सास और मां का एक साथ उजड़ा सुहाग
जासं, शाहजहांपुर: क्रांति इन दिनों अपने मायके हसेहरामऊ दक्षिणी के चंदगोई गांव में थीं। सुबह को उनके पिता बलराम, ससुर बुद्धलाल और बलराम के चाचा रामकिशोर एक साथ पकड़िया गांव जाने के लिए निकले थे। उनके पास फोन आया कि हादसे में तीनों की मौत हो गई है। पता चलते ही क्रांति व अन्य परिजन जिला अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। वहां पहुंची तो देखा कि पिता बलराम के शव के बराबर में ससुर बुद्धलाल और रामकिशोर का शव रखा था। देखते ही वह बेसुध हो गई। सास और मां का सुहाग एक साथ उजड़ गया। बुद्धलाल के बेटे रंजीत चीखते रहे। कभी खुद को संभालते तो कभी परिजनों को।
रिश्तेदार में बदल गई थी दोस्ती
बलराम कश्यप की सरौरा निवासी बुद्धालाल से गाढ़ी दोस्ती थी। पांच वर्ष पूर्व दोस्ती रिश्तेदारी में बदल गई। बलराम ने अपनी बेटी क्रांति की शादी बुद्धालाल के बेटे रंजीत से कर दी। सोमवार शाम को उनमें बातचीत के बाद तय हुआ कि रामकिशोर को भैंस खरीदनी है इसलिए वे तीनों पकड़िया गांव जाएंगे। मंगलवार सुबह को वे तीनों लोग चंदगोई में इकट्ठे हुए और मिश्रीपुर बाईपास पहुंचकर मैजिक में बैठ गए। कुछ देर बाद ही हादसा हो गया। परिजनों ने बताया कि रामकिशोर के पास भैंस खरीदने के लिए 50 हजार रुपये भी थे। जोकि नहीं मिले। रंजीत ने बताया कि देर तक वे तीनों रिश्तेदारी में नहीं पहुंचे तो तलाश करना शुरू किया। इस बीच हादसे की जानकारी पर जिला अस्पताल पहुंचे, तब तीनों के बारे में पता चला।
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बेटी से मिलने जा रहे थे तिलहर क्षेत्र के रटा निवासी विनोद
जासं, शाहजहांपुर: तिलहर थाना क्षेत्र के रटा गांव निवासी 40 वर्षीय विनोद कुमार लखीमपुर खीरी के जंगबहादुरगंज कस्बे में रहने वाली बेटी अरना से मिलने जा रहे थे। विनोद घर से करीब आठ बजे निकले थे। शाहजहांपुर पहुंचने के बाद मैजिक से जंगबहादुरगंज कस्बा जाने के लिए निकले। हादसे में उनकी मौत हो गई। वहीं पिता का इंतजार कर रही अरना को जब घटना की जानकारी हुई तो वह बेसुध हो गई। परिजन उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे। विनोद की पत्नी अनीता, बेटी सरला व शालिनी व भाई राधेश्याम का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
विनोद की चार बेटियां थीं। जिनमें एक बेटी नेहा की एक साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी।