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16.4 मिमी बारिश के साथ 13 साल का रिकॉर्ड टूटा

बुधवार मध्यरात्रि के बाद तेज आंधी के के बाद 16.4 मिमी बारिश से गत 13 साल का रिकार्ड टूट गया। नतीजतन इस बार फसलों को मौसम से भारी नुकसान पहुंचा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 11:40 PM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 11:40 PM (IST)
16.4 मिमी बारिश के साथ 13 साल का रिकॉर्ड टूटा
16.4 मिमी बारिश के साथ 13 साल का रिकॉर्ड टूटा

जेएनएन, शाहजहांपुर : बुधवार मध्यरात्रि के बाद तेज आंधी के के बाद 16.4 मिमी बारिश से गत 13 साल का रिकार्ड टूट गया। नतीजतन इस बार फसलों को मौसम से भारी नुकसान पहुंचा है। मार्च में आंधी के साथ 59 मिमी, अप्रैल में 35 मिमी बारिश से गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। रात की बारिश से खासकर मक्का, केला तथा जायद की फसलों को नुकसान पहुंचा है। गेहूं की कटाई समाप्ति के करीब होने की वजह से कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है।

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2007 में रिकॉर्ड 249 मिमी हुई थी बारिश

किसानों के लिए वर्ष 2007 काफी हानिकारक रहा। बाढ़ का दंश झेलने के साथ ही मई तक जनवरी से मई तक 249 मिमी बारिश हुई थी। जबकि 2001 में मात्र 36.5 मिलीमीटर बारिश हुई। गत वर्ष मात्र इव अवधि में 47 मिली पानी बरसा। इस बार जनवरी से अब तक 152 मिमी बारिश हो चुकी है। जो 13 साल में सर्वाधिक है।

मार्च अप्रैल में भी कहर बरपा

जनवरी में 28 मिलीमीटर बारिश हुई। फरवरी में 12 मिमी के साथ सामान्य था। लेकिन मार्च में आंधी के साथ रिकार्ड 59 मिमी बारिश से गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। अप्रैल में भी पवन का वेग व इंद्र का प्रकोप नहीं थमा। बारिश का आंकड़ा 35 मिमी पर पहुंच गया। 5 मई की रात 16.4 मिमी बारिश के साथ आंकड़ा 152 मिमी पर पहुंच गया।

वायुदाब के उतार चढ़ाव के साथ पारा भी गिरा

वायुदाब में उतार चढ़ाव से आंधी व बारिश का प्रकोप छाया। बुधवार को न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस था। वायुदाब में 6 मिलीबार की गिरावट के साथ रात तेज आंधी के साथ बारिश हुई। इससे पारा 2.3 डिग्री सेल्सियस गिरकर 16.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। बारिश के कारण आ‌र्द्रता 60 से बढ़कर 78 फीसद पर पहुंच गई। मौसम विशेषज्ञ डा. मनमोहन सिंह ने अभी इसी तरह मौसम के नम रहने की संभावना जताई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन अस्तव्यस्त

आंधी के साथ हुई बारिश से पुवायां, बंडा, खुटार, कटरा, तिलहर में ते•ा आंधी बारिश में केला, मक्का तथा जायद की फसल को भारी नुकसान हुआ है। कांट, ददरौल व जलालाबाद में आम की फसल को आंधी से नुकसान पहुंचा है। पीपीओ डा. शिव शंकर सिंह ने बारिश को आम के अंकुर बेधक कीट नियंत्रण के लिए हितकर बताया। कहा कि इससे स्वत: ही कीट मर जाएगा।

एक जनवरी से मई तक कुल बारिश के आंकड़ों पर एक नजर (मिमी में)

वर्ष : बारिश

2001 : 36.5

2002 : 111

2004 : 124

2006 : 135

2007 : 249

2011 : 109

2013 : 122

2019 : 47

2020 : 152 गेहूं की कटाई हो चुकी है। इस कारण रबी की फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ। केला, मक्का समेत जायद की फसलों पर आंशिक असर पड़ा है। वहीं, बारिश से आम, गन्ना समेत फसलों पर कीट प्रकोप अब कम हो जाएगा। अब और बारिश होना घातक रहेगा।

डा. सतीश चंद्र पाठक, जिला कृषि अधिकारी


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