141 मिमी हुई बरसात, दिन में घिर आई रात
मंगलवार रात झमाझम बारिश बुधवार दोपहर आसमान में छाए काले बादलों से रिमझिम फुहार शहर में सड़कों पर उफनाते नाले। गांव में पानी पानी खेत। तीव्र वेग से इतराती नदियां आवागमन के लिए परेशान राहगीर तथा खेतों से जल निकासी में जुटे किसान..।
जेएनएन, शाहजहांपुर : मंगलवार रात झमाझम बारिश, बुधवार दोपहर आसमान में छाए काले बादलों से रिमझिम फुहार, शहर में सड़कों पर उफनाते नाले। गांव में पानी पानी खेत। तीव्र वेग से इतराती नदियां, आवागमन के लिए परेशान राहगीर तथा खेतों से जल निकासी में जुटे किसान..। बुधवार को यह नजारा था शहर से लेकर गांव का। चौबीस घंटे में 141 मिमी की रिकार्ड बारिश से धरा तृप्त हो गई। किसानों को धान, गन्ना समेत खरीफ को फसलों छोड़ दलहनी, तिलहनी व सब्जियों के खेत से पानी निकालना पड़ा। दिन में कुछ पल के लिए बारिश थमने पर किसानों जल निकासी के प्रबंध शुरु कर दिए हैं। कृषि विशेषज्ञों ने भी जल प्रबंधन की सलाह दी है।
दिन में सात डिग्री सेल्सियस गिरा पारा
दिन भर बारिश से दिन का तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस से 27.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। अधिकतम तापमान में सीजन की यह रिकार्ड गिरावट है। न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री गिरावट के साथ 23.8 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। सुबह बारिश से आर्द्रता 100 फीसद रही जबकि शाम को 92 फीसद दर्ज की गई।
451 मिमी हो चुकी सीजन की बारिश
इस वर्ष जून में 30 मिमी बारिश हुई जबकि जुलाई में अब तक 421 मिमी बारिश हो चुकी है। मौसम विज्ञानियों ने चौबीस घंटे के भीतर 141 मिमी बारिश को सीजन का रिकॉर्ड बताया। वायुदाब में 9 मिलीबार के उतार चढ़ाव को आगे बारिश का संकेत माना है।
निचले इलाके में जलभराव
शहर के निचले इलाकों के लिए बारिश आफत साबित हुई। झंडा, हयातपुरा, करबला, टाउनहाल, बृज बिहार कालोनी आदि क्षेत्रों में जलभराव रहा। कई घरों में भी पानी घुस गया। लोगों को जल निकासी के लिए जूझना पड़ा। वहीं, बारिश से खुदागंज में एक कच्चा भवन ढह गया। हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ। वर्जन::::::
धान, गन्ना समेत सभी खरीफ की फसलों को फायदा होगा। नुकसान से बचाने के लिए दलहन, तिलहन तथा सब्जियों की फसलों से जल निकासी के प्रबंध जरुरी हैं। अभी दो दिन तक बारिश की संभावना बनी रहेगी।
- डा. रोवित कुमार, मौसम विज्ञानी, कृषि विज्ञान केंद्र, शाहजहांपुर जून और जुलाई की शुरुआत में काफी कम बारिश हुई, इससे किसानों का फसल लागत खर्च बढ़ रहा था। अब हल्की बारिश होने पर भी किसानों को सिचाई के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। पैदावार में भी इजाफा होगा।
डा. सतीश चंद्र पाठक, जिला कृषि अधिकारी तीन साल में जून व जुलाई की बारिश पर एक नजर मिमी में
माह : 2018 - 2019 - 2020
जून : 67 - 63 - 30
जुलाई : 613 - 485 - 421