तीन चीनी मिलों पर किसानों का 122 करोड़ बकाया
मकसूदापुर चीनी मिल ने शासन की सख्ती के बाद भी किसानों को अब तक 109 करोड़ का बकाया भुगतान नहीं किया। सहकारी चीनी मिल तिलहर और पुवायां ने भी 12 करोड़ गन्ना मूल्य रोक रखा है। ़ृ
जेएनएन, शाहजहांपुर : अजीब दस्तूर है व्यवस्था का। चीनी मिल चाहें जब तक गन्ना किसानों का बकाया रोक लें, उन्हें किसानों को ब्याज नहीं देना पड़ता। यही कारण है कि मकसूदापुर चीनी मिल ने शासन की सख्ती के बाद भी किसानों को अब तक 109 करोड़ का बकाया भुगतान नहीं किया। सहकारी चीनी मिल तिलहर और पुवायां ने भी 12 करोड़ गन्ना मूल्य रोक रखा है।
आरसी की चेतावनी पर भी नहीं चेता चीनी मिल प्रबंधन
जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने मकसूदापुर चीनी मिल जीएम को बकाया भुगतान के लिए कड़ी फटकार लगाई थी। बकाया भुगतान न करने पर आरसी जारी करने की भी चेतावनी दी। फटकार के बाद मिल प्रबंधन ने किसानों को 114 करोड़ के सापेक्ष मात्र पांच करोड़ का भुगतान किया गया। 109 करोड़ का चीनी मिल पर गत पेराई सत्र का अभी भी बकाया है। 21.97 लाख क्विटल की हो चुकी पेराई
जनपद की पांच चीनी मिलों में अब तक 21.97 लाख क्विंटल गन्ना की खरीद कर ली है। 21.92 लाख क्विटल की गन्ना पेराई कर 164625 क्विटल चीनी उत्पादन कर लिया। गत वर्ष का 109 करोड़ बकाया रोकने वाली मकसूदापुर चीनी मिल ने भी 5 लाख 30 हजार क्विटल गन्ना पेराई कर 43 हजार 800 क्विटल चीनी का भी उत्पादन कर लिया है।
2.59 लाख क्विटल है जिले की दैनिक पेराई क्षमता
जनपद की पांच चीनी मिलों की दैनिक पेराई क्षमता 2 लाख 59 हजार 250 क्विटल की है। वर्तमान में चीनी मिल मात्र 70 से 75 फीसद ही गन्ना पेराई कर पा रही है। निगोही चीनी मिल 91 फीसद तक चल रही है, जबकि तिलहर चीनी मिल 21500 क्विटल के सापेक्ष मात्र 56 फीसद ही गन्ना पेराई कर पा रही है। चीनी मिल : क्षमता - कुल गन्ना पेराई - चीनी उत्पादन - पेराई तिथि
निगोही : 9000 - 11.63 लाख - 91025 - 8 नवंबर
मकसूदापुर : 7000 - 05.31 लाख - 43800 - 14 नवंबर
रोजा : 5300 - 02.82 लाख - 21000 - 15 नवंबर
तिलहर : 2500 - 01.12 लाख - 3060 - 15 नवंबर
पुवायां : 2125 - 01.09 लाख - 5740 - 14 नवंबर
कुल योग : 25925 टीसीडी - 21.97 लाख क्विटल - 164625 क्विटल तीन चीनी मिलों पर 122 करोड़ का बकाया है। मिल प्रबंधन को जल्द भुगतान के लिए चेतावनी दी गई है। जिले की सभी चीनी मिलों में पेराई शुरू है। 21.92 लाख क्विटल गन्ना पेराई हो चुकी है।
डा. खुशीराम, डीसीओ