1093 परीक्षार्थी रहे गैरहाजिर, कई जगह नोकझोंक
शिक्षक पात्रता परीक्षा दो पालियों में कराई गई। पहली पाली में 10559 व दूसरी पाली में 5658 परीक्षाíथयों ने परीक्षा दी।
जेएनएन, शाहजहांपुर : शिक्षक पात्रता परीक्षा दो पालियों में कराई गई। पहली पाली में 10559 व दूसरी पाली में 5658 परीक्षाíथयों ने परीक्षा दी। जबकि एक हजार 93 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। कागजात पूरे न होने की वजह से कई परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए। जिसको लेकर उनकी अधिकारियों से भी नोकझोंक हुई।
परीक्षा के लिए पहली पाली में 21 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। जिन्हें छह सेक्टर में बांटा गया था। बुधवार सुबह 10 बजे से परीक्षा शुरू हुई। परीक्षाíथयों की तलाशी लेकर ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया। इस पाली में 11271 परीक्षार्थी पंजीकृत थे जिसमे से 10559 परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे। इसके बाद ढाई बजे से दूसरी पाली शुरू हुई। जिसमे 6039 परीक्षार्थी पंजीकृत थे जिसमे से 381 अनुपस्थित रहे जबकि 5658 ने परीक्षा दी। नगर मजिस्ट्रेट विनीता सिंह, सीओ सिटी कुलदीप गुनावत ने सुरक्षा व्यवस्था का सभी केंद्रों पर जाकर जायजा लिया।
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केंद्रों पर हुई नोकझोंक
कई परीक्षार्थी समय से परीक्षा देने केंद्र पर पहुंच गए थे। लेकिन अंकपत्र व अन्य प्रपत्र की फोटो कॉपी होने की वजह से अधिकारियों ने उन्हें परीक्षा केंद्र में नहीं जाने दिया। इसको लेकर काफी देर तक नोकझोंक भी हुई। लेकिन अधिकारियों ने नियमों का हवाला देते हुए केंद्र से वापस कर दिया।
------ फोटो :8एसएचएन 46 पुवायां क्षेत्र के गांव बड़ागांव निवासी आले नबी खां का सुदामा प्रसाद कन्या इंटर कॉलेज में सेंटर पड़ा था। जिसमे 271 अनुक्रमांक प्रवेश पत्र में दिया गया था। लेकिन यहां महज 270 तक अनुक्रमांक के परीक्षाíथयों को ही परीक्षा देने की व्यवस्था की गई थी। ऐसे में आले नबी को केंद्र के अंदर नहीं जाने दिया। इसके बाद वह जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पहुंचे लेकिन यहां भी कोई निस्तारण नहीं हो सका।
------- फोटो :8एसएचएन 47 अफसरों के कार्यालयों के काटते रहे चक्कर
राजकीय इंटर कॉलेज में परीक्षा देने पहुंचे शैलेंद्र गौतम को भी केंद्र से वापस कर दिया गया। उनके पास सभी कागजात भी पूरे थे लेकिन नाम परिवर्तन होने की वजह से परीक्षा नहीं देने दी गई। इसके बाद वह एसपी ऑफिस पहुंचे लेकिन यहां कोई अधिकारी नहीं मिला। इसके अलावा कलेक्ट्रेट में भी अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगाते रहे। लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकला। शैलेंद्र ने बताया कि नाम परिवर्तन का शपथ पत्र होने के बावजूद परीक्षा से वंचित करना सरासर गलत है। --------
जो गाइड लाइन मिली थी उसी आधार पर परीक्षा को शांतिपूर्वक संपन्न कराया गया है। कहीं किसी तरह की विवाद की स्थिति नहीं हुई।
विनीता सिंह, नगर मजिस्ट्रेट