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कल्याण के लिए हुई देवी चंद्रघंटा की पूजा

चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को नवदुर्गा शक्ति आराधना में तृतीय देवी चंद्रघंटा के विग्रह की आराधना हुई। भक्तों ने शांति व कल्याण के लिए मां के इस रूप का दर्शन किया। दुर्गा सप्तसती पाठ कर आराध्य देवी की स्तुति की। आस्था विश्वास के साथ शक्ति अर्जन का महापर्व नवरात्र में शक्ति की अधिष्ठात्री देवी जगत जननी मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा कर कल्याण की कामना की जाती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 10:30 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 06:26 AM (IST)
कल्याण के लिए हुई देवी चंद्रघंटा की पूजा
कल्याण के लिए हुई देवी चंद्रघंटा की पूजा

संतकबीर नगर: चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को नवदुर्गा शक्ति आराधना में तृतीय देवी चंद्रघंटा के विग्रह की आराधना हुई। भक्तों ने शांति व कल्याण के लिए मां के इस रूप का दर्शन किया। दुर्गा सप्तसती पाठ कर आराध्य देवी की स्तुति की।

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आस्था विश्वास के साथ शक्ति अर्जन का महापर्व नवरात्र में शक्ति की अधिष्ठात्री देवी जगत जननी मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा कर कल्याण की कामना की जाती है। शक्ति की अधिष्ठात्री देवी जगत जननी मांभगवती के विभिन्न रूपों की पूजा कल्याणकारी होती है। शैलपुत्री व द्वितीय ब्रह्मचारिणी के पश्चात तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की गई। सुबह से ही मंदिरों में तांता लगा रहा। घरों में पूजा स्थलों के साथ मंदिरों में दुर्गा सप्तसती पाठ व जागरण के कार्यक्रम किए गए।

शहर के समय माता मंदिर, दुर्गा मंदिर बरदहिया, श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर, श्रीरामजानकी मंदिर, वन देवी खलीलाबाद, पाटेश्वरी माता मंदिर आदि स्थानों पर भक्तों ने दर्शन किया। आचार्य ने कहाकि तीसरी देवी की आराधना से अलौकिक दर्शन होते रहते हैं। अनेक स्थान पर शत चंडी पूजन व रात्रि जागरण भी किया गया। धनघटा, मेंहदावल, नाथनगर, पौली, धर्मसिंहवा आदि स्थानों पर मंदिरों में पूजन हुआ।

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मां काली की आराधना

-समय माता मंदिर में आस्थावानों ने कड़ाई चढ़ाकर प्रसाद बांटा। श्रीसत्यनारायण व्रत कथा, सप्तशती पाठ आदि कराया। परिसर में स्थापित मां काली का वैदिक मंत्रोच्चारण से पूजा की गई। ब्रह्मास्थान पर पूजन-अर्चन

चुरेब : स्थानीय ब्रह्मास्थान कौआटाड़ में पूजन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही। इसके साथ ही लहुरादेवा, समय स्थान, कांटे, बूधा, मीरगंज, घुटसाल, उमिला, फुलवरिया,बेलहवा, कुर्थियां में दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा।

इसके साथ ही बेलहवा, गोडसाडे, सरैया सहित क्षेत्र के मंदिरों में पूजन-अर्चन हुआ।

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