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महिलाओं के सपने को साकार करें बैंक अधिकारी : सीडीओ

संतकबीर नगर : सीडीओ हाकिम ¨सह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में सोमवार को बैठक हुई। राष्ट्रीय ग

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 09:46 PM (IST)Updated: Mon, 18 Dec 2017 09:46 PM (IST)
महिलाओं के सपने को साकार करें बैंक अधिकारी : सीडीओ
महिलाओं के सपने को साकार करें बैंक अधिकारी : सीडीओ

संतकबीर नगर : सीडीओ हाकिम ¨सह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में सोमवार को बैठक हुई। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत गठित महिला समूहों के आर्थिक प्रगति पर बैंक व नाबार्ड के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया। सीडीओ ने कहाकि गरीब महिलाएं आर्थिक प्रगति के लिए जरूर कुछ न कुछ मन में ताना-बाना बुनी रहती है। इसलिए बैंक के अधिकारी एनआरएलएम के तहत गठित महिला समूह के सदस्यों के सपने को साकार करने की दिशा में ठोस कदम उठाएं। सप्ताह में एक दिन बैंक के शाखा प्रबंधक कम से कम आधा घंटा समय जरुर दें। इन्हें समूह के जरिये आर्थिक तरक्की करने के बारे में सरलता से जानकारी दें। इसके अलावा जब ये बैंकों में पहुंचे तो इन्हें इंतजार कराने की जगह इनके समस्याओं को तुरंत सुना जाए। ऐसा करने पर अच्छे परिणाम सामने आएंगे।

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सीडीओ ने कहाकि आर्थिक तरक्की में बचत की प्रवृत्ति सहायक होती है। एनआरएलएम में गठित महिला समूहों के सदस्यों को मेहनत-मजदूरी करके इसमें से पैसा बचाना होगा। बचाए गए पैसे को समूह के खाते में सभी सदस्यों को डालना होगा। इसके ठीक तीन माह बाद रिवा¨ल्वग फंड के रुप में 15 हजार रुपये प्रत्येक समूह को मिलना है। इससे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाना होगा। इसके तीन माह बाद प्रत्येक समूह 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस पैसे से वे अपने व्यवसाय को और बेहतर कर सकेंगे। पांच साल में प्रति समूह को पांच लाख रुपया मिलेगा। पैसे का सही उपयोग और पूरे मनोयोग से काम करके महिलाएं आर्थिक तरक्की कर सकेंगी, इससे आत्म निर्भर हो जाएंगी। उन्हें किसी के सहारे की जरुरत नहीं पड़ेगी। केंद्र सरकार ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को समूह में बना कर इनकी तरक्की की योजना बना रही है। सीडीओ ने समीक्षा करने पर पाया कि 31 मार्च 2017 तक 1,052 समूह गठित हो चुके हैं, चालू वित्तीय सत्र में 152 समूह गठित किए गए हैं, इस प्रकार कुल 1204 समूह गठित हुए हैं। प्रत्येक समूह में अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष के अलावा सदस्य सहित कम से कम दस महिलाएं शामिल होती हैं। वहीं 31 मार्च 2017 तक 820 समूहों को रिवा¨ल्वग फंड दिया गया है, चालू वित्तीय सत्र में 149 समूहों को दिया गया है। तृतीय चरण में बैंक से 218 समूहों का ¨लकेज हुआ जबकि चालू वित्तीय सत्र में 58 का। सीडीओ ने कहाकि सामाजिक-आर्थिक आधार पर गरीब महिलाओं को ही समूह में जोड़ा जाए, बड़े घर की महिलाओं को नहीं। इस बैठक में पीडी डीआरडीए प्रमोद कुमार यादव, डीडीएम-नाबार्ड, पूर्वांचल बैंक के क्षेत्रिय प्रबंधक के अलावा बैंकों के जिला समन्वयक आदि शामिल रहे।


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