सत्य और धर्म मार्ग पर चलने से होती है भगवान की प्राप्ति
भगवान भक्त वत्सल हैं उनको पाने के लिए हम पूजा-पाठ मंत्रों का जाप करते हैं। उसके बाद भी भगवान के दर्शन नहीं होते हैं। जरूरतमंदों को आगे बढ़कर मदद के लिए हाथ बढ़ाएंगे तो प्रभु आप पर कृपा दृष्टि बनाए रखेंगे।
संत कबीरनगर : भगवान भक्त वत्सल हैं, उनको पाने के लिए हम पूजा-पाठ, मंत्रों का जाप करते हैं। उसके बाद भी भगवान के दर्शन नहीं होते हैं। जरूरतमंदों को आगे बढ़कर मदद के लिए हाथ बढ़ाएंगे तो प्रभु आप पर कृपा दृष्टि बनाए रखेंगे। भगवान का भजन करने मात्र से ही कल्याण नहीं होता, अपितु सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने एवं दीन दुखियों की मदद करने से भगवान की प्राप्ति होती है।
यह बातें हावपुर भंडारी में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के छठे दिन शांतिकुंज अयोध्या से आए कथावाचक करपात्री जी महाराज ने कही। कथा में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन सुनाया। राक्षसी पूतना जब कृष्ण को मारने के लिए आई तो कैसे प्रभु ने सब जान लिया और देखते ही देखते उसे ढेर कर दिया। बाल रूप में कृष्ण के किस्से सुनाते हुए करपात्री जी ने भजन गाए तो लोग झूम उठे। इस मौके पर नंदकिशोर तिवारी, घनश्याम तिवारी,अजय तिवारी, वीडी त्रिपाठी, चंद्रदेव, राम चरण, अवधेश, विरेंद्र पाठक, भोला यादव, गोपाल दुबे समेत अन्य लोग मौजूद रहे।