दीपावली पर जीवंत हुई परंपराएं
दीपावली पर्व पर हर वर्ग में जहां उत्साह उमंग उन्मुक्तता छाई रही वहीं लोगों ने अपने व्यवसाय क्रिया कलापों दैनिक दिनचर्या को सुव्यवस्थित करने हेतु उनको जागृति किया। परम्पराओं को जीवंत रखने हेतु मंगलमयी कामना की। अनेक स्थानों पर लोगों ने स्वास्थ्य रक्षा व निरोगमय जीवन के लिए आंवले के वृक्ष का रोपड़ किया।
संतकबीर नगर : दीपावली पर्व पर हर वर्ग में जहां उत्साह, उमंग, उन्मुक्तता छाई रही, वहीं लोगों ने अपने व्यवसाय, क्रिया कलापों, दैनिक दिनचर्या को सुव्यवस्थित करने हेतु उनको जागृति किया। परम्पराओं को जीवंत रखने हेतु मंगलमयी कामना की। अनेक स्थानों पर लोगों ने स्वास्थ्य रक्षा व निरोगमय जीवन के लिए आंवले के वृक्ष का रोपड़ किया। जनपद में जहां विभिन्न स्थानों पर जहां पटाखों की गुंज, शोर गुल का वातावरण बना रहा, वही आदर्शो की शपथ लेकर जीवन में उतारने का प्रारम्भ करना, पुष्प मालाओं से प्रदूषण रहित सुसंस्कृति व
पल्लि्वत दीपावली मनाकर परंपराओं को संजोएं रखने वालों की कमी नही रही। अनेक लोगों श्रेष्ठ आचरण, समरसता, ज्ञान, विकास, कल्याण के लिए कोटि-कोटि दीप जलाने का संकल्प लिया।
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सुबह से ही बना रहा उत्साह
पर्व पर सुबह से ही उत्साह बना रहा। दीप जलाकर भक्ति मय माहौल में लक्ष्मी-गणेश व विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की। पूजा पंडालों पर रौनक व मंदिरों में दर्शनार्थियों का तांता रहा। शाम ढलते ही प्रत्येक घरों में लोग दीप जलाकर उजियारा करने में जुट गए, लोगों ने रंग-बिरंगे विद्युत बल्बों व मोमबत्तियों का प्रयोग किया था जिससे शहर, नगर, गांव प्रकाशमान बना हुआ था। रंग-विरंगी फूलझड़ियों व आतिशबाजी से ऐसा प्रतीत होता था जैसे भू और गगन से तिमिर का बसेरा ही मिट जाएगा।
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समृद्धि की प्रार्थना
- सुबह से ही शुरू बधाई व शुभकामना देने का सिलसिला देर रात्रि तक जारी रहा। मिलकर और मोबाइल व मैसेज के माध्यम से लोगों ने चिर परिचितों, सगे-संबंधी, इष्ट मित्रों को सुख,समृद्धि, स्वास्थ्य रक्षा की मंगल कामना कर पर्व की बधाइयां दी। गुलदस्ते, बुके, मिठाइयां, डाई फ्रुटस देकर शुभकामनाएं दी। कार्ड व उपहार देकर बधाई दी गई। बधाई देने में एसएमएस, मेल, इमेल,वाह्टसऐप , फेसबुक आदि का खूब प्रयोग हुआ।
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