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बड़े बेटे जय की शादी देखने की इच्छा नहीं हुई पूरी

संतकबीर नगर: हाईवे पर रविवार को सुबह करीब 07:00 बजे हुए हादसे में दो भाइयों की मौत की घटना से न केव

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 11:03 PM (IST)
बड़े बेटे जय की शादी देखने की इच्छा नहीं हुई पूरी
बड़े बेटे जय की शादी देखने की इच्छा नहीं हुई पूरी

संतकबीर नगर: हाईवे पर रविवार को सुबह करीब 07:00 बजे हुए हादसे में दो भाइयों की मौत की घटना से न केवल परिवार अपितु गांववासी भी काफी दुखित हैं। इन भाइयों की मौत से परिवार में मातम है। पढ़ाई के साथ-साथ खेती-किसान के काम में पिता का हाथ बंटाने वाले ये दोनों भाई सरकारी सेवा में आना चाहते थे। वहीं पूरा परिवार बड़े बेटे जय की शादी देखने की इच्छा पाला हुआ था। इस हादसे ने इनकी इन इच्छाओं को पूरा नहीं होने दिया। बेटे का सेहरा देखने के बजाय अर्थी देखनी पड़ी।

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कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के ग्राम पंचायत सौरहा ¨सहोरवा के पुरवा डंडियहवां निवासी राजेंद्र निषाद के पांच संतानों में सबसे बड़े बेटे 24 वर्षीय जय¨सह निषाद, 22 वर्षीय अमर¨सह निषाद, 18 वर्षीय प्रियंका निषाद व 17 वर्षीय ¨पकी निषाद और सबसे छोटे बेटे 16 वर्षीय राम¨सह निषाद हैं।जय¨सह व राम¨सह की रविवार को हाईवे पर हुए हादसे में मौत की घटना से परिवार के सदस्यों को गहरी चोट पहुंची है। जय¨सह इस वर्ष जीपीएस महाविद्यालय-खलीलाबाद में स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी थे जबकि राम¨सह सौरहा ¨सहोरवा गांव में ही संचालित एक निजी विद्यालय में 9 वीं कक्षा में पढ़ रहे थे। दोनों बेटे होनहार थे और पढ़ लिखकर सरकारी सेवा में आना चाहते थे। पिता राजेंद्र खेती-किसानी के साथ-साथ गंवई बाजार जैसे-सालेहपुर, सरैया, अगया आदि में सब्जी की दुकान लगाकर न केवल परिवार के सदस्यों का भरण-पोषण कर रहे थे अपितु ये बेटों की उम्मीदों को पंख लगा रहे थे। ये दोनों भाई पढ़ाई के साथ-साथ एक एकड़ में होने वाली खेती-किसानी के कार्य में पिता का सहयोग करते थे। समय गुजरता रहा और मां इसरावती बड़े बेटे जय के विवाह की योजना बना रही थीं और 70 वर्षीय दादी किरता देवी भी पोते का सेहरा देखने को उतावली थीं। सूख रहे धान के खेत की ¨सचाई के लिए डीजल लेने जा रहे इन दोनों भाइयों की हाईवे पर हुए मौत की घटना से एक पल में सारी उम्मीदें बिखर गई। मंझले बेटे अमर ¨सह वर्तमान में मुंबई में है, यही अब मां-बाप के बुढ़ापे की लाठी हैं। लोगों के समझाने-बुझाने पर भी दादी, पिता, मां, बहन प्रियंका व ¨पकी का रो-रोकर बुरा हाल है।

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