भाई की शादी देखने की तमन्ना रह गई अधूरी
भाई की शादी देखने की तमन्ना संजोए अविनाश इस दुनिया से चल बसा। इसी माह की 13 तारीख को उसके भाई विशाल की बरात जानी थी। इस संबंध में वह शादी का कार्ड बांटने रिश्तेदारी में जा रहा था। थाना क्षेत्र के सेमरडाड़ी निवासी अविनाश कुमार के भाई विशाल की बरात गोरखपुर जिले के गौर बरसाई में जानी थी। इसी खुशी को दिल में लिए अविनाश अपने मामा तथा मामा के बेटे को साथ ले कर शादी का कार्ड बांटने रिश्तेदारी में जा रहा था। उसे क्या पता था कि उसकी मौत रास्ते में उसका इंतजार कर रही है। गांव से निकल कर थोड़ी दूर पहुंचने के बाद ही उसकी मौत हो जाएगी। अविनाश की मां सोनी का रो-रो कर बुरा हाल है। अविनाश के पिता कह रहे हैं कि मैं जानता कि मेरा बेटा शादी का कार्ड नहीं अपनी मौत का कार्ड ले कर जहा रहा है। मैं किसी भी हाल में नहीं जाने देता। अनिकेत की मां परमावती रह-रह कर बेहोश हो जा रही हैं।
संतकबीर नगर : भाई की शादी देखने की तमन्ना संजोए अविनाश इस दुनिया से चल बसा। इसी माह की 13 तारीख को उसके भाई विशाल की बरात जानी थी। इस संबंध में वह शादी का कार्ड बांटने रिश्तेदारी में जा रहा था।
थाना क्षेत्र के सेमरडाड़ी निवासी अविनाश कुमार के भाई विशाल की बरात गोरखपुर जिले के गौर बरसाई में जानी थी। इसी खुशी को दिल में लिए अविनाश अपने मामा तथा मामा के बेटे को साथ ले कर शादी का कार्ड बांटने रिश्तेदारी में जा रहा था। उसे क्या पता था कि उसकी मौत रास्ते में उसका इंतजार कर रही है। गांव से निकल कर थोड़ी दूर पहुंचने के बाद ही उसकी मौत हो जाएगी। अविनाश की मां सोनी का रो-रो कर बुरा हाल है। अविनाश के पिता कह रहे हैं कि मैं जानता कि मेरा बेटा शादी का कार्ड नहीं अपनी मौत का कार्ड ले कर जहा रहा है। मैं किसी भी हाल में नहीं जाने देता। अनिकेत की मां परमावती रह-रह कर बेहोश हो जा रही हैं।