इनसे लें सबक और रोकें पानी की बर्बादी
हर साल भूजल सप्ताह कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। भूगर्भ जल के संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते हैं। स्कूलों कालेजों में पेंटिग प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। यह सिलसिला कई साल से चल रहा है। इन सबके बाद भी पानी की बर्बादी जारी है।
संत कबीरनगर : हर साल भूजल सप्ताह कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। भूगर्भ जल के संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते हैं। स्कूलों, कालेजों में पेंटिग प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। यह सिलसिला कई साल से चल रहा है। इन सबके बाद भी पानी की बर्बादी जारी है। गर्मी के मौसम में भूगर्भ जल का स्तर काफी नीचे चले जाने से कई हैंडपंप और पंपसेट बेपानी हो जाते हैं। खेत की सिचाई ही नहीं वरन प्यास बुझाने के लिए पानी की दिक्कत सामने आती है। बहरहाल जिले में ऐसे भी लोग हैं जो हर दिन पानी की बचत करते हैं। समाज के अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करते हैं। दो-तीन नहीं सिर्फ एक बाल्टी पानी करते हैं उपयोग खलीलाबाद शहर के गोला बाजार स्थित प्रतिष्ठित कारोबारी पवन छापड़िया उर्फ पप्पू हर दिन स्नान करने के लिए दो-तीन नहीं सिर्फ एक बाल्टी पानी का उपयोग करते हैं। घर में बर्तन व अन्य चीजों की साफ-सफाई में प्रयोग किए गए पानी को फेंकने के बजाय उसे अपने बाग में लगे पौधों को सिचवाते हैं। ये छोटे-छोटे टब रखकर बारिश का पानी बचाते हैं। इस पानी का उपयोग भी बाग में भी करते हैं। इनकी देखा-देखी परिवार के सभी सदस्य पानी की बर्बादी के बजाय उसे बचाते हैं। डीएम स्वयं करते हैं पानी की बचत कलेक्ट्रेट स्थित अपने चैंबर में आने वाले के लिए पीने के पानी को लेकर डीएम रवीश गुप्त सतर्क रहते हैं। ये उतना ही पानी मंगाते हैं, जितनी जरूरत होती है। जब ये अपने आवास कैंप कार्यालय में पहुंचते हैं तब इसके प्रति और संवेदनशील हो जाते हैं। पौधों की सिचाई हो या फिर अन्य कार्य हर जगह डीएम स्वयं मौजूद रहते हैं। इनके सहयोग में पत्नी भी लगी रहती हैं। पानी की बर्बादी न हो, इस पर ये दोनों स्वयं ध्यान देते हैं। कैंप कार्यालय में तैनात रहने वाले कर्मी भी इसके प्रति गंभीर दिखते हैं।