पड़ोखर कांड में कोतवाली प्रभारी समेत तीन निलंबित
संत कबीरनगर पड़ोखर में आपसी विवाद में दो बुजुर्गों की जान चली गई।
संत कबीरनगर : पड़ोखर में आपसी विवाद में दो बुजुर्गों की जान चली गई। पुलिस यदि सक्रिय रहती तो घटना टल सकती थी। दोनों पक्ष लगातार बवाल कर कोतवाली आते रहे। पुलिस कोई कार्रवाई न करके मामले को टालती रही। घटना होने के बाद पुलिस के आला अधिकारी सक्रिय हुए और कोतवाल के साथ तीन पुलिसकर्मी निलंबित किए गये। गांव में सन्नाटा पसरा है। अधिकतर घरों पर ताले लगे हैं। गांव पुलिस छावनी में तब्दील है।
पड़ोखर गांव की घटना के शुरूआती जांच में सामने आया है कि जान बचाने के लिए दूरभाष पर लोग गुहार लगाते रहे। लेकिन पुलिस खामोश रही। इससे दो बुजुर्गों की मौत हो गई। यह पहली घटना नहीं थी कि पुलिस निष्क्रिय रही। इससे पहले भी कई मामले थे, जिसमें पुलिस की भूमिका संदिग्ध थी।
पड़ोखर गांव में 12 जुलाई की देर रात रास्ते को लेकर विवाद शुरू हुआ। जान बचाने के लिए लोग दूरभाष पर पुलिस की सहायता के लिए गिड़गिड़ाते रहे। हैरत की बात यह रही कि पुलिस तीन घंटे तक खामोश रही, गांव में नहीं पहुंची। इससे खूनी संघर्ष में 70 वर्षीय बिखधर व 65 वर्षीय झगरू आदि दो बुजुर्गों की मौत हो गई थी। इस मामले में दोनों पक्ष की तरफ से दो अलग-अलग मुकदमें दर्ज कराए गए। इन खामियों पर पर्दा डालने के लिए एसपी ने कोतवाली खलीलाबाद थाने के प्रभारी रहे गौरव सिंह, हेड कांस्टेबल अमरनाथ यादव व मुंशी रामदरश यादव समेत तीन पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। चूंकि इस थाने में सीनियर सब इंस्पेक्टर(एसएसआइ)रहे अवधेश पाण्डेय पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय-सीतापुर में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसलिए कोविड सेल के प्रभारी रहे इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार गौतम को अग्रिम आदेश तक के लिए इस थाने में प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।