बुढ़वा मंगल पर संकटमोचन की आराधना
बुढ़वा मंगल को बल, बुद्धि, विद्या के प्रतीक पवनपुत्र संकट मोचन भगवान श्री हनुमान की विधिविधान पूर्वक आराधना हुई। मंदिरों में व घरों में पाठ व पूजन-अर्चन करके अंमल के नाश की प्रार्थना हुई। हनुमान मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। आस्थावानों ने लड्डू एवं पुए का भोग लगाकर मन्नतें मांगी।
संतकबीर नगर:बुढ़वा मंगल को बल, बुद्धि, विद्या के प्रतीक पवनपुत्र संकट मोचन भगवान श्री हनुमान की विधिविधान पूर्वक आराधना हुई। मंदिरों में व घरों में पाठ व पूजन-अर्चन करके अंमल के नाश की प्रार्थना हुई। हनुमान मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। आस्थावानों ने लड्डू एवं पुए का भोग लगाकर मन्नतें मांगी। वंदन का चोला भी चढ़ाया। समयमाता मंदिर, तितौवा, गोला बाजार में संगीतमयी सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया।
वृहद मंगलवार को भगवान श्रीराम के प्रिय भक्त हनुमान की पूजा हुई। बजरंग बाण, हनुमान चालीसा पाठ हुआ। समय माता मंदिर में आचार्य घनश्याम मिश्रा ने कहा शास्त्रों के अनुसार भगवान हनुमान सभी प्रकार के अमंगल को स्मरण मात्र से ही दूर कर देते हैं। इस मौके पर रमेशचंद्र दूबे, विपिन जासवाल, विनोद कुमार आदि मौजूद रहे।
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अखंड पाठ करके प्रार्थना
समय माता मंदिर में अखंड रामायण पाठ करके पूजन किया गया। यहां हरिकेश मद्देशिया ने भव्य सज्जा कराई। इस मौके पर अर्चना, अंगद, राजेंद्रप्रसाद, कृष्णमुरारी, बृजंनद, रघुनाथ आदि मौजूद रहे।