Move to Jagran APP

गेंदा के फूलों की खेती से महक उठा संतकबीर नगर के इस शख्स का जीवन, प्रति बीघा कमा रहे 80 हजार रुपये

संतकबीर नगर जिले के रमेश गेंदे के फूल की खेती कर अपने साथ अन्य लोगों की भी जिंदगी संवार रहे हैं। गेंदा के फूल की खेती कर वे प्रति बीघा 70 से 80 हजार की आय प्राप्त कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Fri, 25 Nov 2022 03:18 PM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2022 03:18 PM (IST)
गेंदा के फूलों की खेती से महक उठा संतकबीर नगर के इस शख्स का जीवन, प्रति बीघा कमा रहे 80 हजार रुपये
खेत में गेंदा के फूलों के पौधों की देखभाल करते रमेश यादव। -जागरण

संतकबीर नगर, जागरण संवाददाता। नाथनगर ब्लाक के भगता गांव के रमेश यादव गेंदा के फूल की खेती कर सुगंध बिखेरने के साथ ही परिवार को खुशहाल बना रहे हैं। वह फूल की खेती से खुद अच्छी आमदनी प्राप्त करने के साथ ही लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहे हैं। उनकी खेती से गांव के एक दर्जन से अधिक लोगों ने भी अब फूल की खेती आरंभ करने का मन बना लिया है। रमेश का कहना है कि फूल की खेती से जहां वातावरण सुगंधित होता है वहीं यह रोजगार का एक बेहतर साधन भी है।

loksabha election banner

पहले करते थे सब्जी की खेती

रमेश पहले सब्जी की खेती किया करते थे लेकिन उसमें मेहनत और लागत अधिक रही। लगभग छह वर्ष पहले उनका संपर्क उद्यान विभाग के एक कर्मचारी से हुआ तो गेंदा के फूल के खेती के बारे में जानकारी मिली। विभाग के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल होकर फूल के खेती की तकनीक जानने के बाद पांच वर्ष पूर्व उन्होंने इसे शुरू किया। पहले वह एक बीघा भूमि में गेंदा के फूल की खेती किए। इससे होने वाली आमदनी को देखकर उनका मनोबल बढ़ने लगा। धीरे-धीरे उन्होंने करीब एक एकड़ में गेंदा की खेती करना आरंभ कर दिया। अपने परिश्रम और व्यावसायिक खेती के बल पर पर वह पूरे परिवार का खर्च चला रहे हैं। फूल के खेती की आय से वह पहले अपने पुराने मकान में नए कमरे बनाने के साथ ही अन्य संसाधनों का प्रबंध करने में सफल रहे हैं।

खेत से ही बिक जाता है फूल

रमेश बताते हैं कि गेंदा के फूल की बिक्री 30 से 50 रुपये किग्रा की दर से होती है। क्षेत्र के माली खेत में ही आकर फूल को तोड़ ले जाते हैं। उनके साथ लगभग 10 लोगों को फूलों के क्यारियों की गोड़ाई, सिंचाई, फूल तोड़ने आदि में भी नियमित काम मिला है। एक बीघा गेंदा का फूल उगाने में लागत लगभग 10 हजार की होती है जबकि 70 से 80 हजार की आय हो जाती है। वह गांव के लोगों को भी इसके बारे में जानकारी देते रहते हैं।

इन्होंने भी लिया फूल उगाने का निर्णय

गांव के हरिहर, चंद्रभान ,सुरेश आदि ने रमेश से गेंदा के फूल की खेती के बारे में जानकारी लेकर खुद भी करने का मन बना लिया है। हरिहर का कहना है कि परंपरागत खेती में सबसे अधिक समस्या बेसहारा पशुओं की होती है। हर मौसम में दिन रात खेतों की निगहबानी करनी पड़ती है। गेंदा के फूल के पौधों को पशु खाते नहीं है और समय से देखरेख करने पर यह कई गुना अधिक लाभ देता है। सुरेश का कहना है कि पूरी एक फसल तक साथ् रहकर उन्होंने गेंदा के फूल की खेती का गुर जान लिया है। वह इसे और भी बड़े स्तर पर करने का प्रयास करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.