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ध्वजारोहण व बीजक पाठ से प्रकाट्य दिवस शुरू

गोरखपुर/संतकबीर नगर,जेएनएन। मगहर में सदगुरु कबीर साहब के 621वें प्रकाट्य दिवस का रविवार को दो दिवस

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 10:59 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 10:59 PM (IST)

ध्वजारोहण व बीजक पाठ से प्रकाट्य दिवस शुरू
ध्वजारोहण व बीजक पाठ से प्रकाट्य दिवस शुरू

गोरखपुर/संतकबीर नगर,जेएनएन।

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मगहर में सदगुरु कबीर साहब के 621वें प्रकाट्य दिवस का रविवार को दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ हआ। ध्वजारोहण व बीजक पाठ करके

संत की महिमा का गुणगान किया गया। कबीर पंथियों ने भजन-कीर्तन करके संत के आदर्श पर चलने का संकल्प लिया।

संबोधित करते महंथ विचारदास ने कहा कि कबीर के पद चिह्नों और उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर समाज को सुधारा जा सकता है। कबीर साहेब ने ऊंच-नीच, भेदभाव, जात-पात व छुआछुत की भावनाओं से इतर लोगों को मानवता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का जीवन एक स्वरूप है। उसे परमात्मा को अपने अंदर ढूंढ़ना चाहिए। ऐसे करने वाले व्यक्ति को सुख व शांति की प्राप्ति होती है और वह सुखमय जीवन व्यतीत करता है। कबीर साहब ने कभी लोगों को बांटने का कार्य नहीं किया। बल्कि पूरा जीवन लोगो को एक सूत्र में बांधने का प्रयत्न करते रहे। पारसनाथ ने कहा कि सदगुरू कबीर कथनी में नही, करनी में विश्वास करते थे। जब समाज में पूर्णरूप से अंधविश्वास का बोलबाला था। उस समय भ्रांतियां थी कि बनारस में मरने पर मोक्ष की प्राप्ति होती और मगहर में मरने पर मोक्ष नही मिलता है। इस भ्रांति को दूर करने के लिए संत कबीर ने अपना शरीर मगहर में त्यागा और निर्वाण को प्राप्त हुए।

इस अवसर पर अनेक संतजन व आस्थावान मौजूद रहे।

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