संशय से समाधान की यात्रा कराती है श्रीराम कथा
यज्ञ स्थल की परिक्रमा करके पूजन-अर्चन -भए प्रगट कृपाला दीनदयाला से गूंजा पंडाल
संतकबीर नगर :
बघौली के चनवापार शिवमंदिर में चल रहे श्रीराम महायज्ञ में रविवार चौथे पूजन-अर्चन हुआ। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव प्रसंग सुनकर श्रोता मुग्ध रहे। भए प्रगट कृपाला दीनदयाला से स्तुति हुई। संगीतमयी भजनों के बीच प्रभु का गुणगान किया गया।
अयोध्या धाम से पधारे कथा व्यास आचार्य कमलेश ने जन्मोत्सव प्रसंग से विस्तार देते कहा कि धर्म की रक्षा के लिए प्रभु ने अवतार लिया। प्रभु की कथा में आदर्श जीवन की शिक्षा मिलती है। रामचरितमानस के अंतर्गत भगवान श्रीराम के आने का पांच कारण बना। संतों का अपमान, सतीत्व का सम्मान, गृहस्थ जीवन की पूर्णता शामिल है। उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा में सभी कथाओं का सार मिलता है। राम का चरित्र आदर्श समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। पावन कथा संशय से समाधान की यात्रा कराती है। इस अवसर पर आयोजक महंत नीरज शास्त्री, यज्ञाचार्य विजय शंकर मिश्रा,घनश्याम वाजपेई, सुरेंद्र यादव, वेद यादव, मुकेश सहित अनेक श्रोता मौजूद रहे।