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ग्रापं सरैया में 3.40 लाख रुपये का गबन

संतकबीर नगर: एक व्यक्ति द्वारा जन सूचना अधिकार अधिनियम(आरटीआइ)के तहत सूचना मांगने पर खलीलाबाद ब्लाक

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 11:07 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 11:07 PM (IST)
ग्रापं सरैया में 3.40 लाख रुपये का गबन
ग्रापं सरैया में 3.40 लाख रुपये का गबन

संतकबीर नगर: एक व्यक्ति द्वारा जन सूचना अधिकार अधिनियम(आरटीआइ)के तहत सूचना मांगने पर खलीलाबाद ब्लाक के ग्राम पंचायत सरैया में 3.40 लाख रुपये का गोलमाल सामने आया है। बगैर कोई काम कराए सरकारी धनराशि हड़प लिए जाने के मामले में पुलिस द्वारा हीलाहवाली की जाती रहीं। इस पर पीड़ित व्यक्ति ने कोर्ट का शरण लिया। सीजेएम कोर्ट के आदेश पर कोतवाली खलीलाबाद पुलिस ने प्रधान व सचिव के अलावा अज्ञात पर जालसाजी का केस दर्ज किया है। मामले की विवेचना की जा रही है।

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कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के ग्राम सरैया निवासी बृजेश कुमार मिश्र पुत्र रामकवल मिश्र ने जन सूचना अधिकार अधिनियम(आरटीआइ)के तहत सूचना मांगी थी। आरटीआइ के जरिए मिली सूचना में यह उल्लेख है कि सात अप्रैल 2016 के पहले 4,40,620 रुपये था। इस तिथि के बाद विभिन्न तिथियों में 12,54,424 रुपया ग्राम पंचायत के बैंक खाते में आया था। इस प्रकार ग्राम पंचायत में कुल 16,95,444 रुपये था। वहीं 10 नवंबर 2017 को बैंक खाते में 2,67,363.35 रुपये शेष था। इस तरह ग्राम पंचायत के बैंक खाते से कुल 14,27,462 रुपया निकाल लिया गया था। आरटीआइ से मिलीं सूचना में विभिन्न मदों में 8,57,706 रुपये खर्च होना दर्शाया गया है जबकि 2,29,047 रुपये दूसरे ग्राम पंचायत उस्काखुर्द को दिया जाना दर्शाया है। इस तरह कुल खर्च केवल 10 लाख 86 हजार 753 रुपये हुआ, वहीं 3,40,709 रुपये का अता-पता नहीं। बगैर कोई काम कराए प्रधान व सचिव ने सरकारी धन गबन कर लिया। इस मामले में बृजेश ने 24 दिसंबर 2017 को प्रभारी-कोतवाली खलीलाबाद को कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। जब यहां से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इन्होंने पंजीकृत पत्र के जरिए एसपी को इस प्रकरण से अवगत कराया था। इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इन्होंने सीजेएम कोर्ट का शरण लिया। कोर्ट के आदेश पर कोतवाली खलीलाबाद पुलिस ने प्रधान विपिन चंद्र चौधरी व पंचायत सचिव राज नारायण शुक्ल व अज्ञात पर जालसाजी का केस दर्ज किया है।

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पूर्व में पशुपालन विभाग के अधिकारी के द्वारा ग्राम पंचायत के कार्यों की जांच की गई थी। परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत सरैया से अलग होकर उस्काखुर्द गांव नया ग्राम पंचायत बन गया। इसलिए चूकवश कुछ सरकारी धनराशि नये ग्राम पंचायत उस्काखुर्द में भी चली गई। ग्राम पंचायत सरैया में सरकारी धनराशि का कोई दुरूपयोग नहीं किया गया है। मामले की विवेचना में सच्चाई सामने आ जाएगी।

राज नारायण शुक्ल

-पंचायत सचिव

ग्राम पंचायत-सरैया

ब्लाक-खलीलाबाद

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