बैंकों के विलय से रोजगार की सुरक्षा को खतरा
ट्रेड यूनियन कौंसिल के अध्यक्ष कामरेड शिवकुमार गुप्त ने कहाकि यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के बैनर तले बैंकों के विलय के विरोध में 26 दिसंबर के देशव्यापी हड़ताल को सफल बताया है। इन्होंने कहाकि ऐसे हजारों गांव हैं जहां पर बैंक नहीं हैं, बड़ी संख्या में लोग आज भी बैंक की सेवा से बाहर हैं।
संतकबीर नगर: ट्रेड यूनियन कौंसिल के अध्यक्ष कामरेड शिवकुमार गुप्त ने कहाकि यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के बैनर तले बैंकों के विलय के विरोध में 26 दिसंबर के देशव्यापी हड़ताल को सफल बताया है। इन्होंने कहाकि ऐसे हजारों गांव हैं जहां पर बैंक नहीं हैं, बड़ी संख्या में लोग आज भी बैंक की सेवा से बाहर हैं। अमरिका की आबादी 32.30 करोड़ है वहीं भारत की आबादी 135 करोड़ हैं, इस देश में बैंकों की संख्या अमरिका से कई गुना कम है।
इन्होंने आगे कहाकि बैंकों के विस्तार की जरुरत है। विलय से बैंकों की संख्या और कम हो जाएगी। कारपोरेट घरानों में सार्वजनिक क्षेत्र के कर्ज बड़ी मात्रा में पड़े हैं, इसका ये भुगतान नहीं कर रहे हैं। बैंकों के विलय के बाद देश का बैं¨कग उद्योग गहरे संकट में फंस जाएगा। सरकार का तर्क है कि विलय से बैंक वर्तमान के मुकाबले अधिक मजबूत हो जाएंगे। यही दलिल देकर पिछले साल भारतीय स्टेट बैंक के साथ छह बैंकों का विलय किया गया था। इससे इस बैंक की समस्याएं और बढ़ गई। बैंकों के विलय से रोजगार की सुरक्षा को खतरा पहुंचेगा।