38 फीसद विद्यालयों में शौचालय ही नहीं
आपरेशन कायाकल्प योजना संचालित है। इसके लिए ग्राम पंचायतों को पर्याप्त धन भी मुहैया कराया जा रहा है।
संतकबीर नगर : बेसिक शिक्षा विभाग में एक तरफ परिषदीय विद्यालयों को कान्वेंट की तर्ज पर विकसित करने की पहल चल रही तो दूसरी तरफ यहां जरूरी सुविधाओं का ही अभाव बना हुआ है।
जिले में 1,091 प्राथमिक व 527 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बालक-बालिकाओं के अलग-अलग शौचालय की सुविधा नदारद है। महज 62 फीसद विद्यालयों में ही इसकी सुविधा है। शेष 38 फीसद से अधिक विद्यालयों में शौचालय उपयोग के लायक नहीं हैं। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए है।
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बलिकाओं के 438 शौचालय निष्प्रयोज्य
परिषद के 1518 के साथ सहायता प्राप्ति वाले 100 विद्यालय सहित 1618 में से 1172 विद्यालयों के प्रेरणा एप पर समीक्षा में समस्या उजागर हुई। बालकों के 737 शौचालय ठीक हैं, 435 उपयोग के लायक नहीं है। बालिकाओं के 734 शौचालय क्रियाशील है, 438 बदहाल हैं।
बेलहर ब्लाक की स्थिति सबसे खराब
बेलहर कला ब्लाक में 113 में बालकों के 75 खराब व बालिकाओं के 76 में से 68 फीसद शौचालय क्रियाशील नहीं है। बघौली ब्लाक में 27 फीसद, हैसर में 59, खलीलाबाद 28, मेंहदावल में 23, पौली में बालकों के 33 व बालिकाओं के 24 फीसद विद्यालयों में शौचालय की सुविधा नदारद है। सांथा में 16 व सेमरियावां में करीब 26 फीसद शौचालय अनुपयोगी हैं।
कायाकल्प से भी नहीं बदली दशा
आपरेशन कायाकल्प योजना संचालित है। इसके लिए ग्राम पंचायतों को पर्याप्त धन भी मुहैया कराया जा रहा है। फिर विद्यालयों के शौचालय बदहाल होने से व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो रहा है।
शीघ्र ठीक होंगे शौचालय
कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों में निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जहां भी शौचालय ठीक नहीं हैं, शीघ्र ठीक कराया जाएगा।
सत्येंद्र कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी