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खरीद केंद्रों पर पड़े हैं 6,251 एमटी धान

किसानों से खरीदे गए धान को राइस मिलों को कुटाई के लिए देने की बजाय केंद्रों पर अब तक 6251.209 एमटी यानी पचास फीसद से अधिक धान पड़ा हुआ है। शासन स्तर से कई बार वीडियो कांफ्रेंसिग में चेतावनी देने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं है। यदि राइस मिलर इसे समय से पा जाते तो ये इसकी कुटाई करके चावल भारतीय खाद्य निगम(एफसीआइ)को दे-देते।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 11:07 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 11:07 PM (IST)
खरीद केंद्रों पर पड़े हैं 6,251 एमटी धान
खरीद केंद्रों पर पड़े हैं 6,251 एमटी धान

संतकबीर नगर: किसानों से खरीदे गए धान को राइस मिलों को कुटाई के लिए देने की बजाय केंद्रों पर अब तक 6,251.209 एमटी यानी पचास फीसद से अधिक धान पड़ा हुआ है। शासन स्तर से कई बार वीडियो कांफ्रेंसिग में चेतावनी देने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं है। यदि राइस मिलर इसे समय से पा जाते तो ये इसकी कुटाई करके चावल भारतीय खाद्य निगम(एफसीआइ)को दे-देते। इस पर एफसीआइ से संबंधित एजेंसी को चावल का पैसा मिल जाता। इससे पैसे की उपलब्धता बनी रहती। किसानों से खरीद करने में दिक्कत नहीं आती। खाद्य विभाग के 13 में से 12 सक्रिय केंद्रों ने किसानों से खरीदे गए 3896.038 एमटी में से 2927.70 एमटी धान कुटाई के लिए राइस मिलर को दिए हैं। बाकी 968.34 एमटी धान अभी तक केंद्रों पर पड़ा हुआ है। इससे भारतीय खाद्य निगम(एफसीआइ)को सिर्फ 432.00 एमटी यानी 22.02 फीसद कुटा हुआ चावल(सीएमआर)दिया जा सका है। वहीं पीसीएफ के 35 में से 27 सक्रिय केंद्रों ने खरीदे गए 7045.641 एमटी में से 1958.26 एमटी धान कुटाई के लिए राइस मिलरों को दिए हैं। शेष 5,087.38 एमटी धान केंद्रों पर पड़ा हुआ है। इससे एफसीआइ को केवल 594.00 एमटी यानी 45.27 फीसद कुटा हुआ चावल दिया जा सका है। इसके इतर राजकीय कल्याण निगम के दो सक्रिय केंद्रों ने खरीदे गए 475.220 एमटी में से 279.73 एमटी धान मिलरों को दिए हैं। बाकी 195.49 एमटी धान केंद्र पर पड़ा हुआ है। एफसीआइ को एक छटांक भी चावल नहीं दिया जा सका है।

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प्रति क्विटल 67 किलो चावल देने में दिक्कत

प्रति क्विटल धान की कुटाई के बाद 67 किलो चकाचक चावल देने का प्रावधान है। एफसीआइ के इस मानक को पूरा करने में इस जिले के राइस मिलरों को काफी दिक्कत हो रही है। राइस मिलरों के अनुसार साधारण राइस मिले एक क्विटल में 62 से 63 किलो चावल दे सकती हैं। अत्याधुनिक सालटेक्स राइस मिलें ही एफसीआइ के मानक को पूरा कर सकती हैं।

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तीनों खरीद एजेंसियों के जिला प्रबंधकों को पत्र जारी कर यह चेतावनी दी गई है कि वे अपने-अपने केंद्रों से खरीदे गए धान को समय से राइस मिलर को कुटाई के लिए भेजें। कुटाई के बाद इसे समय से एफसीआइ को भेजें। इसमें लापरवाही कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

रामानंद जायसवाल-डिप्टी आरएमओ

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