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महज बीस फीसद रह गई उपभोक्ताओं की संख्या

संचार के क्षेत्र में देश के सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी दूर संचार कंपनी बीएसएनएल के नेटवर्क में गड़बड़ी होने को लेकर उपभोक्ताओं का मोह भंग होने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 11:43 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 06:18 AM (IST)
महज बीस फीसद रह गई उपभोक्ताओं की संख्या
महज बीस फीसद रह गई उपभोक्ताओं की संख्या

संतकबीर नगर: संचार के क्षेत्र में देश के सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी दूर संचार कंपनी बीएसएनएल के नेटवर्क में गड़बड़ी होने को लेकर उपभोक्ताओं का मोह भंग होने लगा है। दशा यह है कि जहां दो वर्ष पहले जिले में लैंडलाइन फोन के उपभोक्ताओं की संख्या 35 सौ थी तो वह अब घटकर सिर्फ सात सौ ही रह गई है।

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तीन दशक पहले लोग घरों में लैंडलाइन फोन लगवाने को प्राथमिकता देते थे। इसके लिए भारत संचार निगम लिमिटेड के कार्यालयों पर दौड़ लगाकर कनेक्शन जोड़वाने की होड़ सी रहती थी। अब समय के साथ लैंडलाइन सेवा को लेकर लोगों के लगाव में कमी आई है। दशा यह है कि दो वर्ष पहले जहां जिले में लगभग 35 सौ लैंडलाइन फोन सक्रिय थे तो वहीं अब इसकी संख्या घटकर महज सात सौ रह गई है जो पूर्व का महज बीस फीसद है।

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क्रास टाकिग और गड़बड़ी से भंग हो रहा मोह

लैंडलाइन फोन धारक रहे अर्जुन यादव और अब्दुल्ला खान ने कहा कि बार-बार खराबी और क्रास टाकिग को लेकर उपभोक्ताओं का मोह भंग हो रहा है। इसी प्रकार भृगुनाथ और कुलदीप सिंह ने कहा कि सुविधाएं नहीं मिल पाने से सरकार की लैंडलाइन सेवा को लेकर संकट सामने आ रहा है। सभी ने दूर संचार विभाग के अधिकारियों को इसमें सुधार करवाने की मांग की।

----------------------- बीएसएनएल के खलीलाबाद कार्यालय के उपखंड अधिकारी मनोज कुमार यादव ने बताया कि मोबाइल का प्रचलन बढ़ने से लैंडलाइन सेवा पर बुरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल के मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या वर्ष भर में दस प्रतिशत बढ़ी है।

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