अल्लाह मेरी सांसों की हिफाजत करना
क्षेत्र के सालेहपुर में सैयद शाह मोहम्मद अशरफ शहीद उर्फ दादा मियां की मजार पर चले रहे 56वें उर्स के अंतिम दिन शनिवार को कव्वाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देर रात तक लोग जमे रहे। रविवार की सुबह चादरपोशी के साथ उर्स का समापन हुआ।
संतकबीर नगर:क्षेत्र के सालेहपुर में सैयद शाह मोहम्मद अशरफ शहीद उर्फ दादा मियां की मजार पर चले रहे 56वें उर्स के अंतिम दिन शनिवार को कव्वाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। देर रात तक लोग जमे रहे। रविवार की सुबह चादरपोशी के साथ उर्स का समापन हुआ।
मशहूर कव्वाल जुनैद सुल्तानी बदायूं ने दादा मियां की शान में बंद सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। छोड़ सारी दुनिया को चल मदीने चलते हैं ,मुस्तफा गुलामों की किस्मतें बदलते हैं,इल्लल्लाह का जाम पिलाकर कर दिया मस्ताना, जिसने देखा ख्वाजा पिया को हो गया दीवाना आदि के माध्यम से उन्होंने बखान किया। अपने स्वरों को सरगम बिखेरते हुए उन्होंने कहा कि मेरे अल्लाह मेरी सांसों की हिफाजत करना,मेरे बच्चे अभी चलना भी नहीं सीखे हैं। मरने के बाद तो सबको अल्लाह की तरफ लौट जाना है,खुश किस्मत होते हैं लोग जो जिदा ही अपने रब की तरफ लौट जाते हैं सुनाया। रविवार को नमाज के बाद सज्जादानशीन सैयद नौशाद अशरफ द्वारा दादा मियां की मजार पर चादरपोशी करके उर्स के समापन की घोषणा की गई।अध्यक्षता सैयद मो.हमजा अशरफ-अशरफीउल जिलानी ने किया। मौके पर मो.नाजिम खां, सपा नेता सैय्यद फिरोज अशरफ,तारिक हुसैन,जिला पंचायत सदस्य मो. अहमद,राजेंद्र यादव,सैयद समनानी,सालिम, सबी अहमद,मौलाना निजाम अशरफ,आरिफ सिद्दीकी,फैजान अहमद,सफीर अहमद,अतहारूल बारी,धीरेंद्र कुमार,सलाहुद्दीन, इसराक अहमद के अलावा तमाम लोग मौजूद रहे।