वेंटिलेटर पर मेंहदूपार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
छह साल से चिकित्सक की तैनाती के इंतजार में है पीएचसी अस्पताल से निराश लौट रहे मरीज -हजारों की आबादी को नहीं मिल रही स्वास्थ्य सुविधाएं सांथा या मेंहदावल आना मजबूरी
संत कबीरनगर : ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का निर्माण एक दशक पूर्व जगह-जगह कराया गया था। लेकिन चिकित्सक की कमी वह संसाधनों के अभाव में अस्पताल खुद ही जीवन रक्षक प्रणाली पर चल रहे हैं, जिससे मरीजों की इतनी दुर्गति हो रही है। धर्मसिंहवा के मेंहदूपार में स्थित पीएचसी का निर्माण एक दशक पूर्व कराया गया था। यहां पर चिकित्सकों के रहने के लिए आवास की भी व्यवस्था है। लेकिन अस्पताल बनने के बाद से छह साल पूर्व कुछ समय के लिए एक चिकित्सक की तैनाती हुई थी। उनका स्थानांतरण होने के बाद आज तक यह अस्पताल चिकित्सकविहीन चल रहा है।
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अस्पताल में संसाधनों का टोटा
धर्मसिंहवा के मेंहदूपार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, खून की जांच सहित अन्य सुविधा मौजूद नहीं है। यहां पर एक फार्मासिस्ट प्रजापति चौधरी की तैनाती है। वह इक्का-दुक्का मरीजों को दवा उपलब्ध करा देते हैं, गंभीर किस्म की बीमारी लेकर कोई भी मरीज पहुंचता है तो उनको लोहरसन सीएचसी या मेंहदावल सीएचसी के लिए रेफर करना मजबूरी है। यहां पर दवाओं का भी पूरी तरह से अभाव है।
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चिकित्सक की होती तैनाती तो खत्म होगी समस्या
धर्मसिंहवा क्षेत्र संत कबीरनगर व सिद्धार्थनगर के बॉर्डर पर स्थित है। यहां करीब 40 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सुविधा का बेहतर लाभ नहीं मिल पा रहा है। चिकित्सक की तैनाती होने से यहां के जमया, अतरीनानकार, कसया, बौरब्यास, मेंहदूपार सहित अन्य गांव के लोगों को मेंहदावल या सांथा चलकर उपचार के लिए नहीं जाना पड़ेगा। लंबे समय से लोग चिकित्सक की तैनाती की मांग कर रहे हैं लेकिन जिम्मेदारों ने केवल कोरा आश्वासन ही दिया है।
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चिकित्सक के लिए शासन को लिखा गया है। जिला अस्पताल समेत सभी जगहों पर चिकित्सक की भारी कमी है। किसी तरह से मामले को संभाला जा रहा है।
डा. हरिगोविद सिंह, सीएमओ