बिना चिकित्सक के चल रहा मेंहदूपार अस्पताल
1995 में अस्पताल बनने के बाद एक दशक तक सब कुछ ठीक-ठाक चला।
संतकबीर नगर: ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिलाने के लिए दो दशक पहले सांथा विकास खंड के ग्राम मेंहदूपार में प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र का निर्माण करवाया गया था। अस्पताल बनने के बाद वर्तमान का हाल है कि इसका संचालन फार्मासिस्ट व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के सहारे चल रहा है।
1995 में अस्पताल बनने के बाद एक दशक तक सब कुछ ठीक-ठाक चला। लेकिन पिछले सात वर्षों से अस्पताल में चिकित्सक की तैनाती नहीं है। जांच की सुविधा के अभाव में लोगों को मेंहदावल या जिला अस्पताल जाना पड़ता है। प्राथमिक उपचार के अलावा इस अस्पताल में मरीजों को कोई सुविधा नहीं मिल पाती है। क्षेत्र के जमया, कसया, सिंहाभंडा, रैधरपार, मुसहरा, सेवहा चौबे, सेवहा बाबू, बरईपार, अमरहा, करहना, पिपरा सहित 28 गांवों के लोग इस अस्पताल पर निर्भर हैं। लंबे समय से चिकित्सक की तैनाती की मांग भी उठ रही है। लेकिन अभी तक चिकित्सक की तैनाती नहीं हो सकी है। क्या कहते हैं लोग
क्षेत्रीय निवासी राहुल शुक्ल का कहना है कि अस्पताल का निर्माण होने के बाद यहां लोगों को बेहतर उपचार मिल रहा था। सतीश शुक्ल का कहना है कि इस अस्पताल में जांच की सुविधा नहीं है। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, खून जांच आदि की व्यवस्था न होने से मजबूर होकर मेंहदावल या खलीलाबाद जाना पड़ता है। राजू चौधरी का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक की तैनाती नहीं है। शिवशंकर पाण्डेय ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अगर इन अस्पतालों की व्यवस्था को सुधारा जाता तो आज कोरोना के समय में गांव-गांव लोगों को बेहतर उपचार मिल पाता। अस्पताल में चिकित्सक की तैनाती क्यों नहीं है, इसकी जानकारी की जाएगी। संबंधित विभाग को पत्र भेजकर चिकित्सक तैनात करने का निर्देश दिया जाएगा।
अजय कुमार त्रिपाठी, एसडीएम, मेंहदावल