आंगनबाड़ी केंद्र पर चिह्नित किए गए कुपोषित बच्चे
संतकबीर नगर : जिले में 8 मार्च से 22 मार्च तक चलाए जा रहे पोषण पखवारे के नौंवे दिन आंगनबाड़ी केन्द्रो
संतकबीर नगर : जिले में 8 मार्च से 22 मार्च तक चलाए जा रहे पोषण पखवारे के नौंवे दिन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया। यह चिन्हांकन उनके वजन व उंचाई के आधार पर किया गया।
खलीलाबाद ब्लाक की सीडीपीओ सुश्री रोमा सिंह के निर्देशन में पोषण पखवाड़े के नौंवे दिन विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों का उनकी उचाई, वजन और उम्र के आधार पर चिन्हांकन किया गया। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उनकी उंचाई मापी गई तथा उसे अंकित किया गया। ब्लाक के डीघा, केसार, रसूलाबाद तथा अन्य सेण्टरों पर यह चिन्हांकन किया गया। साथ ही इसकी निगरानी भी की गई। सुश्री रोमा सिंह ने बताया कि इन कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करके उन्हें चिकित्सकीय इलाज, परामर्श तथा पोषण के जरिए स्वस्थ बनाया जाएगा।
बच्चों में कुपोषण के लक्षण
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आर पी राय के अनुसार कुपोषण के कुछ लक्षणों में शरीर में वसा की कमी, सांस लेने में कठिनाई, शरीर का कम तापमान, कमजोर प्रतिरक्षा, ठंड लगना, सेंसिटिव त्वचा, घाव भरने में अधिक समय लगना, मांसपेशियों में कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ापन शामिल हैं। गंभीर कुपोषण वाले बच्चों को कुछ भी नया सीखने में बहुत अधिक समय लगता है. इनका बौद्धिक विकास कम होता है।
कुपोषण की रोकथाम के उपाय
कुपोषण के रोकथाम के उपायों के बारे में डॉ आर पी राय बताते हैं कि रोटी, चावल, आलू और अन्य स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ भोजन का प्रमुख हिस्सा होते हैं। इनसे हमें ऊर्जा और कार्बोहाइड्रेट पाचन के लिए कैलोरी प्राप्त होती है। दूध और डेयरी खाद्य पदार्थ वसा और वास्तविक शर्करा के महत्वपूर्ण स्त्रोत होते हैं।